अब तक जो आप ने सुना और पढा सब गलत , सही क्या है ?पढें

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बरेली – स्कूल, कॉलेज व जनरल नॉलेज की किताबों में हॉकी को राष्ट्रीय खेल बताया जाता है, लेकिन यह सच नहीं है। हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल है, यह बात गलत है। इसका रहस्योद्घाटन देश के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय ने एक आरटीआइ के जवाब में किया है। मंत्रालय का कहना है कि देश का कोई राष्ट्रीय खेल तय नहीं है।

दरअसल, कोहाड़ापीर निवासी मनोज खंडेलवाल के 17 वर्षीय बेटे केशव खंडेलवाल इंटरमीडिएट के छात्र हैं। पिछले साल उन्होंने गाजियाबाद के एक कॉलेज में स्कॉलरशिप का टेस्ट दिया था। इसमें एक सवाल नेशनल गेम्स से जुड़ा पूछा गया। वैकल्पिक सवाल के चार जवाब भी दिए गए थे। इसमें चार क्रिकेट, हॉकी समेत चार खेलों के नाम दिए थे। जिम्नास्टिक खिलाड़ी केशव ने बचपन से हॉकी को ही राष्ट्रीय खेल के तौर पर पढ़ा-सुना था। इसलिए उन्होंने हॉकी के विकल्प को सही जानते हुए टिक कर दिया। बाद में एक स्पो‌र्ट्स टीचर ने केशव के सवाल को गलत बताया। तब उन्होंने इंटरनेट पर सर्च किया। गूगल पर दर्ज कई लेखों में हॉकी को राष्ट्रीय खेल दर्शाया गया था। इसके बाद केशव ने दोस्तों संग चर्चा कर आरटीआइ डाली। 25 जून को खेल मंत्रालय में सचिव एके विद्यार्थी की ओर से इसका जवाब उपलब्ध कराया गया। केशव कहते हैं कि आरटीआइ डालने के पीछे मकसद बस इतना था कि कम से लोगों को सही जानकारी होनी चाहिए। स्कूल, कॉलेज में हमें हमेशा से यही बताया गया कि हॉकी राष्ट्रीय खेल है। परीक्षा में भी चार खेलों का नाम दे दिया जाता। मगर इसमें से कोई का विकल्प नहीं होता है इसलिए छात्र हॉकी को सही मानकर टिक कर देते हैं।

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