आंगनबाडी-पोषाहार की बोरी ने सुपरवाइजर और सी.डी.पी.ओ.को करोंडपति बनायाँ

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गाजीपुर-महिला एवं बालविकास बिभाग से बटने वाले पोषाहार ने विभाग के सभी सी.डी.पी.ओ.और सुपरवाइजर को करोड़ पति बना डाला लेकिन बिभाग को आंमजन तक जोडने वाली आंगनबाडी कार्यकरतियो एवं सहायिकाओं की हालत जस की तस बनी हुई है। आज गाजीपुर के दैनिक समाचार पत्रो मे एक सुपरवाइजर मैडम के 12 लाख के गहनों और नकद ,ठगों द्वारा ठगे जाने की खबर छपी है। कल्पना करिये जिसके पास 12 लाख के गहने होंगे उसके पास निश्चय ही एकाक करोड़ की जमीन होगी। कई लाख की एफ.डी.होगा । आप सभी पाठक बिभाग के भ्रष्टाचार के बारे मे कुछ नही जानते,अगर जानते है तो सिर्फ इतना की आंगनबाडी कार्यकरति पोषाहार की बोरी बेच देती है। यह सच्चाई का सिर्फ एक पहलू है दुशरे पहलू से मै आप को अवगत कराता हुँ। प्रति बोरी आंगनबाडी कार्यकर्ति से 50/रूपया सुपरवाइजर वसुलती हैं। यदि एक कार्यकर्ति ने 10 बोरी पोषाहार लिया तो उसने सुपरवाइजर को 500/रू० दिया और प्रत्येक ब्लाक स्तरीय परियोजना पर कम से कम 250 आंगनबाडी कार्यकर्तियां कार्यरत है। गाजीपुर प्रतिमांह 17 परियोजनाओं से 15 लाख की अबैध वसुली होती। हाँट कुक्ड का आधा पैसा,गोंद भराई का आधा पैसा,सेंटर चेक करने जाती है तो 200/रू पेट्रोल खर्च के नाम पर लिया जाता है। आडिट के नाम पर250/रू० लिया जाता है। कोई स्टेशनरी चार्ज नही मिलता, कोई टी.ए.डी.ए. नही मिलता। ये आरोप मै नही आंगनबाडी कार्यकरतियो ने खुद लगाया है। आपने सिर्फ सच्चाई का एक पहलू देखा है, जिस दिन दुशरा पहलू देखेगें आप को इन पर दया और तरस आयेगा। आप ने पोषाहार बेचते हुए तो देखा लेकिन इनके आर्थिक शोषण को नही देखा।

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