एक मुख्तार अंसारी और तीन सवाल 

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गाजीपुर- कल बांदा जेल मे जब बाहुबली अंसारी से उनका परिवार मिलने गया था तो लगभग दिन के 11.30 बजे पति और पत्नी दोनो अचानक चाय पीने के बाद बेहोश गाये। बांदा जेल के डाक्टरों ने, बांदा जिला चिकित्सालय रेफर किया, बांदा जिला चिकित्सालय के डाक्टरों ने कानपूर रेफर किया और कानपुर के डाक्टरों ने लखनऊ संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कालेज रेफर किया। बाहुबली मुख्तार अंसारी अब खतरे से बाहर है।
बाहुबली मुख्तार अंसारी के वर्तमान प्रकरण मे तीन पक्ष आमने सामने है। प्रथम पक्ष है बाहुबली मुख्तार अंसारी का परिवार- परिवार के लोगों का खुला आरोप है कि शासन प्रशासन ने मुख्तार अंसारी की सुनियोजित हत्या की साजिश रचा है। इस सम्बध मे परिवार और समर्थकों के अपने अपने तर्क है। दुशरा पक्ष है शासन प्रशासन – बांदा जिला प्रशासन और जेल प्रशासन इसे हार्टअटैक के अलावा और कुछ मानने को तैयार नही। वहीं उत्तर प्रदेश के कारागार मंत्री जै कुमार जैकी का कहना है कि बांदा जेल मे मुख्तार अंसारी के सुरक्षा की विशेष व्यवस्था है, कोई भी खाद्य या पेय पदार्थ जाँच के बाद ही मुख्तार अंसारी को उपलब्ध कराया जाता है। तीसरा पक्ष है मुख्तार अंसारी के विरोधियों का – मुख्तार अंसारी की प्रबल विरोधी स्व०कृष्णा नन्द राय की पत्नी मुहम्मदाबाद विधायक अलका राय और उनके समर्थकों का कहना है कि यह मुख्तार अंसारी की कोई नयी चाल है। विधायक अलका राय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बकायदा पत्र लिख कर इसकी जांच की मांग किया है।

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