गाजीपुर:बकरी पालन न्यूनतम जोखिम व अधिकतम लाभ का व्यवसाय है- मु०प०चि० अधिकारी

गाजीपुर 08 जुलाई, 2025 : मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 अरविन्द कुमार शाही ने बताया है कि प्रदेश के अनुसूचित जाति के भूमिहीन व गरीब पशुपालकों की आय में वृद्धि एवं बकरी पालन के कार्य को प्रोत्साहन देकर कुपोषण से बचाव के लिए आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से बकरी पालन की योजना का प्रारम्भ किया गया है। बकरी पालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सामाजिक संरचना से जुड़ा हुआ व्यवसाय है। इस व्यवसाय से प्राप्त दूध व मॉस आय एवं पोषण का महत्वपूर्ण स्रोत है। बकरी पालन न्यूनतम जोखिम व अधिकतम लाभ का व्यवसाय है। उक्त योजना के क्रियान्वयन से बकरी माँस एवं दूध का उत्पादन बढ़ने से प्रदेश की कुल सकल आय में वृद्धि होगी एवं अनुसूचित जाति, के गरीब परिवारों को रोजगार उपलब्ध होगों व उनके सामाजिक एवं आर्थिक स्तर में सुधार आयेगा। योजना काः स्वरूपः अनुसूचित जातियों के लिए बकरी पालन की योजना (राज्य योजना) के अन्तर्गत जनपद में 10 वकरी इकाईयाँ को स्थापित कर संचालित किया जाना है। प्रति इकाई 01 नर व 05 मादा बकरी उपलब्ध करायी जायेगी। प्रति इकाई लागत रु0-60,000/- है, जिसमें राज्यांश (90 प्रतिशत) धनराशि रु0-54,000/- एवं लाभार्थी अंश (10 प्रतिशत) धनराशि रु०-6.000/- है। योजनान्तर्गत 01 नर बकरे का मूल्य 10,000/- एवं 01 मादा बकरी का मूल्य 9,000/- निर्धारित किया गया है। योजनान्तर्गत आवंटित धनराशि से नर एवं मादा का क्रय, वीमा व चिकित्सा तथा परिवहन का कार्य किया जायेगा। लाभार्थियों की पात्रता 18 वर्ष से अधिक आयु के, जनपद के निवासी अनुसूचित जाति के महिला/पुरुष बेरोजगार पशुपालक जिनके पास बकरियों को रखने का उचित स्थान उपलब्ध हो, योजना के पात्र होंगे। विधवा / निराश्रित महिला को प्राथमिकता दी जायेगी। उपलब्धता के आधार पर चयन प्रकिया में 3 प्रतिशत दिव्यांगजन को सम्मिलित किया जाएगा। लाभार्थी का चयन आवेदन पत्र के साथ निम्न प्रमाण पत्र संलग्न किये जायेगेः- आधार कार्ड, अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र (ग्राम प्रधान द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र भी मान्य होगा), बैंक पास बुक की छायाप्रति, (लाभार्थी अंश धनराशि 6000.00 खाते में होना अनिवार्य है), बकरी पालन प्रशिक्षण से सम्बन्धित प्रमाण पत्र, विधवा / निराश्रित महिला/दिव्यांगजन होने का प्रमाण पत्र की छायाप्रति । इस योजना का लाभ लेने के लिए अपने नजदीकी में पशु चिकित्सालय या विकास भवन स्थित मुख्य पशु चिकित्साधिकारी कार्यालय में सम्पर्क करें। इस योजनान्तर्गत आवेदन करने की अन्तिम तिथि 10 अगस्त 2025 है।
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