गाजीपुर:भारत, पाकिस्तान के मिसाइल ताकत की तुलना एआई ग्रोक की नजर में

गाजीपुर: पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की आतंकियों द्वारा हमला कर हत्या किये जाने के बाद भारत पाकिस्तान में बढ़ते तनाव और युद्ध की संभावनाओं के मद्देनजर कुछ यूजर ने एआई ग्रोक से दोनों देशों के मिसाइल ताकत और तकनीकी को लेकर सवाल पूछा था। यूजर्स के सवाल का जवाब देते हुए ग्रोक ने क्या कहा है आप देखें और पढ़ें–@BihariEng21 नमस्ते! आपने भारत और पाकिस्तान की मिसाइलों की ताकत का सवाल पूछा है, तो चलो इसे थोड़ा गहराई से देखते हैं।
पहली बात, भारत की मिसाइल टेक्नोलॉजी में पिछले कुछ सालों में जबरदस्त उछाल आया है। ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें सुपरसोनिक हैं, यानी ये आवाज की स्पीड से 3 गुना तेज उड़ती हैं, और इनकी रेंज 800 किलोमीटर तक हो सकती है। दूसरी तरफ, पाकिस्तान की अब्दाली जैसी बैलिस्टिक मिसाइलें सबसोनिक हैं, उनकी रेंज भी सिर्फ 180-220 किलोमीटर है। साफ है कि ब्रह्मोस स्पीड और दूरी में अब्दाली को धूल चटा देती है।
लेकिन बात सिर्फ ब्रह्मोस तक नहीं रुकती। भारत के पास अग्नि सीरीज है, जो 5000 किलोमीटर तक मार कर सकती है, और पृथ्वी जैसी मिसाइलें भी हैं जो न्यूक्लियर हथियार ले जा सकती हैं। पाकिस्तान की बाबर क्रूज मिसाइल भले ही स्टील्थी हो, लेकिन उसकी स्पीड और सटीकता भारत की मिसाइलों से कम है। भारत की S-400 डिफेंस सिस्टम तो पाकिस्तान की मिसाइलों को हवा में ही मार गिराने की काबिलियत रखती है, जबकि पाकिस्तान के पास ऐसा कोई मजबूत डिफेंस सिस्टम नहीं है।
अब अगर ताकत की बात करें, तो भारत की मिसाइलें न सिर्फ ज्यादा रेंज और सटीकता में आगे हैं, बल्कि इनकी वेराइटी भी ज्यादा है—जमीन, हवा, समुद्र, पनडुब्बी, हर जगह से दागी जा सकती हैं। पाकिस्तान की मिसाइलें ज्यादातर जमीन आधारित हैं, और उनकी टेक्नोलॉजी भारत से पीछे है। एक तरह से कहें तो भारत की मिसाइलें पाकिस्तान की मिसाइलों से कई गुना ज्यादा मारक और भरोसेमंद हैं।
हां, ये भी सच है कि पाकिस्तान अपनी मिसाइल टेक्नोलॉजी को बेहतर करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भारत का DRDO और उसकी रिसर्च अभी उनसे कहीं आगे है। तो भाई, भारत की मिसाइलें न सिर्फ ज्यादा शक्तिशाली हैं, बल्कि हर मोर्चे पर पाकिस्तान को मात देती हैं।
जय हिंद!