गाजीपुर-आदर्श आचार संहिता लागू, मंत्री-संत्री सब बराबर

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गाजीपुर- 09 नवम्बर, 2020, उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए वाराणसी खण्ड स्नातक/शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से द्विवार्षिक निर्वाचन-2020 हेतु जनपद में लागू आदर्श आचार सहिता के अनुपालन तथा निर्वाचन को सकुशल, शान्तिपूर्ण, संवैधानिक नियमों के अन्तर्गत सम्पन्न कराने हेतु जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी एम.पी.सिंह की अध्यक्षता में गठित स्टेण्डिंग कमेटी की प्रथम बैठक रायफल क्लब सभागार में सम्पन्न हुयी। जिसमें बताया गया कि कोई मंत्री चाहे केन्द्र के हों या राज्य के निम्नलिखित शर्तों के अध्यधीन जिले में आधिकारिक दौरा कर सकते हैं जिसमें/जिनमें परिषदीय निर्वाचन क्षेत्र से कोई भी द्विवार्षिक/उप-निर्वाचन आयोजित किए जा रहे हो, वे ऐसे किसी भी शैक्षणिक संस्थान का कोई उद्घाटन/शिलान्यास नहीं करेंगे जो स्नातक एवं शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के संघटक है, आधिकारिक दौरे निर्वाचन सम्बन्धी कार्य/दौरों के साथ नहीं संयोजित किए जायेगे। ऐसे काई नीतिगत कार्यक्रम/नीति की घोषणा नहीं की जाएगी जिनसे उन स्नातकों, शिक्षकों एवं स्थानीय प्राधिकारियों के प्रभावित होने की संभावना हो जो निर्वाचनाधीन निर्वाचन-क्षेत्रो का निर्वाचक बनते है। जहा द्विवार्षिक/उप-निर्वाचन आयोजित किए जा रहे है वहा के निर्वाचन सम्बन्धी कार्य से जुड़ा/जुड़े जिले के किसी भी रैंक के किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को किसी भी मंत्री द्वारा किसी भी स्थान पर किसी बैठक में भाग लेने के लिए ऐसे अन्य जिलों में भी जहॉ निर्वाचन आयोजित नही किए जा रहे है, नही बुलाया जाएगा। यदि कोई कर्मचारी/अधिकारी किसी मंत्री से उसके निजी दौरे पर उस निर्वाचन क्षेत्र में मिलता है जहॉ निर्वाचन आयोजित किए जा रहे है तो वह संगत सेवा नियमों के अन्तर्गत कदाचार का दोषी माना जाएगा। किसी भी स्थानीय प्राधिकारी के किसी भी ऐसे सदस्य को, जो स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र में निर्वाचक मंडल के भाग है, किसी भी मंत्री द्वारा किसी बैठक/वीडियो कॉन्फ्रेंस के लिए नही बुलाया जाएगा। किसी भी मंत्री द्वारा निर्वाचन-क्षेत्र के अपने निजी दौरे के दौरान किसी भी रंग की संकेतक बत्तियों से युक्त पायलट कार (कारो) या उनकी उपस्थिति को विशिश्ट बनाने के लिए किसी भी प्रकार के सायरनों से युक्त कार (कारो) का उस परिस्थिति में भी इस्तेमाल नहीं किया जाएगा जब राज्य प्रशासन ने उन्हें ऐसा सिक्यूरिटी कवर प्रदान किया हो जिसमें दौरे पर उनके साथ सशस्त्र गार्डो की उपस्थिति जरूरी हो, निर्वाचनों मे सम्पन्न् होने तक सरकारी विभागो में कोई भी नीतिगत घोषणा या कार्यक्रम शुरू नहीं किए जाएंगे जो निर्वाचकों को या तो प्रत्यक्षतः प्रभावित करते हों। जिला निर्वाचन अधिकारी/रिटर्निग अधिकारी जरूरत के आधार पर और राज्य के सीईओ/भारत निर्वाचन आयोग के प्रेक्षक के परामर्श से प्रत्येक तहसील के लिए एक विशेष वीडियांे टीम की व्यवस्था करेंगे जो सार्वजनिक स्थानों पर की जाने वाली राजनीतिक बैठक की वीडियोंग्राफी करेगी और दौरे करने वाले मंत्रियों और अन्य महत्वपूर्ण राजनीतिक पदाधिकारियों के दौरों की रिकार्डिंग करेगी। आयोग के प्रेक्षक उसी दिन शाम में वीडियो रिकार्डिग देखेंगे ताकि वे किसी भी प्रकार के उल्लघंन की विहित फार्मेट में आयोग को रिपोर्टिंग कर सकें। स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन-क्षेत्रो में निर्वाचन होने की दशा में केन्द्रीय एवं राज्य मंत्रियों के आधिकारिक दौरो पर प्रतिबन्ध स्थानीय प्राधिकारियों के पदाधिकारियों जैसे नगर निगमों के मेयर, नगर परिषदों एव ंजिला परिषदों के अध्यक्षों की आधिकारिक कारो पर भी लामू होंगे। उनके द्वारा कार्यालय से निवास तक जाने-आने तक की यात्रा के लिए ही आधिकारिक कारों का उपयोग करने की अनुमति दी जायेगी।
निर्वाचन बैठक में आयोजन करने और निर्वाचनों के सम्बन्ध में एयर-फ्लाइटों के लिए हेलीपैडों का इस्तेमाल करने के लिए सार्वजनिक स्थानों जैसे मैदानों पर सत्तासीन दल द्वारा एकाधिकार नही जमाया जाएगा। अन्य दलों और अभ्यर्थियों को भी पहले आओ-पहले पाओ आधार पर उनका इस्तेमाल करने की अनुमति प्रदान की जाएगी। राज्य विधान परिषदों के द्विवार्षिक निर्वाचनांे/उप-निर्वाचनों के दौरान धन शक्ति की प्रतिकूल भूमिका पर अंकुल लगाने के लिए और काले धन के मूवमेंट पर अंकुल लगाने के लिए निष्पक्ष एवं स्वतंत्र निर्वाचनों का संचालन करने के लिए 29.05.2015 को निर्गत मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) सिवाय स्थैतिक निगरानी दलों की तैनाती के, लागू की जानी चाहिए। निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण पर अनुदेशों के सार-संग्रह में यथाविहित, द्विवार्षिक निर्वाचनों/उप-निर्वाचनांे की घोषणा के तुरंत बाद टीवी चैनलो/केबिल नेटवर्क, निजी एफएम चैनलों सहित रेडियों, सिनेमा हॉलो, सार्वजनिक स्थान में श्रव्य-द्वृश्य डिस्प्ले और सोशल मीडिया के मामले में निर्वाचन विज्ञापनों के पूर्व-प्रमाणन के लिए और प्रचार-अभियान के दौरान राजनीतिक पदाधिकारियों के सामान्य आचरण का अनुवीक्षण करने के लिए भी राज्य एवं जिला मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति (एमसीएमसी) नियुक्त की जाएगी। निर्वाचन प्रचार-अभियान में फोन पर थोक में एसएमएस/वॉयस संदेश भी निर्वाचन विज्ञापनों के पूर्व-प्रमाणन की परिधि में होंगे जैसाकि टीवी चैनलों/केबिल नेटवर्क, निजी एफएम चैनलो, सहित रेडियो, सिनेमा हॉलो, सार्वजनिक स्थान में श्रव्य-द्वृश्य डिस्प्ले और सोशल मीडिया के मामले में है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की अन्य रीतियों पर यथा-अनुप्रयोज्य विधिक उपबन्ध थोक एसएमएस/वॉयरस संदेशो पर भी लागू होंगे। इस बैठक में अपरजिलाधिकारी (वि0/रा0), राजेश कुमार सिंह, समस्त उपजिलाधिकारी एवं सभी राजनैतिक दलो के पदाधिकारी जिसमें निजामुद्दीन खॉ जिला उपाध्यक्ष समाजवादी पार्टी, रविकान्त राय काग्रेंस, अमेरिका सिंह यादव जिला संचिव भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, जिला संगठन मंत्री बहुजन समाज पार्टी सुभाष राम सिपाही, सुरेश बिन्द भारतीय जनता पार्टी एवं अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।

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