गाजीपुर- ईवीएम मशीनों को बदलने को लेकर हंगामा

गाजीपुर- अंतिम चरण के मतदान के बाद मतगणना स्थलों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन सुरक्षित स्ट्रांग रूम में रख लिया गया है ,लेकिन विरोधी दलों का कहना है कि स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखी गई ईवीएम मशीनों को बदलने के लिए सत्तारूढ़ सरकार के इशारे पर पूरा प्रयास जारी है। सोशल मीडिया पर जारी खबरों के अनुसार पता नहीं यह खबरें सच है या झूठ उत्तर प्रदेश के अमेठी ,चंदौली ,झांसी लोकसभा सीटों पर ईवीएम मशीन बदलने का आरोप लगाकर विपक्षी दल की कार्यकर्ता खूब हंगामा मचा रहे हैं ।इसी तरह से हरियाणा के फतेहाबाद में ईवीएम मशीन बदलने के प्रयास को लेकर वहां के विपक्षी कार्यकर्ताओं ने खुब हंगामा मचा रखा है। बिहार के भी कुछ लोकसभा मतगणना स्थल पर ईवीएम मशीन बदलने के प्रयास की खबरें आ रही है।

सवाल यह है कि मतदान के बाद यह अतिरिक्त ईवीएम मशीन कहां से पैदा हुई है-कुछ दिन पुर्व मुम्बई हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर हुई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि 20 लाख ईवीएम मशीन लापता है । इस प्रश्न के उत्तर के लिए याचिका कर्ता ने ईवीएम आपुर्ति करता कम्पनी और भारत निर्वाचन आयोग को पार्टी बनाया था। हाईकोर्ट मे सपथ पत्र दाखिल करते हुए ईवीएम आपुर्ति कर्ता कम्पनी ने कहा कि उसने ईवीएम मशीनों को भारत निर्वाचन आयोग को सुपुर्द कर दिया है जब कि भारत निर्वाचन आयोग ने अपने सपथ पत्र में कहा की ये 20 लाख ईवीएम मुझे मिला ही नहीं। अब सवाल यह उठता है कि आखिर ये 20 लाख ईवीएम गयीं कहाँ ?

मतदान के बाद कहीं ये गुंम ईवीएम ही तो नहीं सत्तारूढ़ दल को जिताने के लिए स्ट्रांग रूम में रखने को जा रही है।

सच क्या है ?यह उच्च स्तरीय जांच का बिषय है।

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