गाजीपुर- शादियाबाद थाना क्षेत्र के लखमनपुर डिहवां गांव में गुरुवार की देर रात झोपड़ी में सो रहे दिव्यांग बुजुर्ग दधिबल राजभर आयु 75 वर्ष पुत्र सोमारु राजभर की जिन्दा जलकर दर्दनाक मृत्यु हो गई।
आग इतनी भयानक थी कि उनका पूरा शरीर जलकर राख हो गया और घर वालों या आसपास के लोगों को इसकी भनक तक नहीं लगी। परिवारिक सूत्रों के अनुसार रोज की तरह गुरुवार की रात दधिबल राजभर खाना खाने के बाद मड़ई में सोने चले गये। दधिबल राजभर एक पैर से दिव्यांग थे और चलने फिरने के लिए बैसाखी का सहारा लेते थे।
चार बजे के लगभग जब भोर में घर की महिलायें घर से बाहर निकलीं तो आग देखकर शोर मचाना शुरू किया। शोर सुनकर ग्रामीणों की भारी भीड़ मौके पर इकठ्ठा हो गई। लोग आग बुझाने लगे और हर तरफ दधिबल राजभर की तलाश करने लगे पर उनका कहीं कोई पता नही चला।
उजाला होने पर आग के ढेर में सर और सीने के अंश दिखाई दिए तो लोगों को उनके मौत की जानकारी हो सकी। सूचना पर पहुंची पुलिस लाश के बचे हुए अंश को पोस्टमार्टम के लिए थाने ले आई। आग किन कारणों व परिस्थितियों में लगी इसका पता नही चल पाया है। वहीं गांव के लोगों का अनुमान है कि रात में ठंड से बचने के लिए उन्होंने अलाव जलाया होगा और उसकी चिंगारी से आग लगी होगी। मृतक के दो पुत्र हैं जो मुंबई में रहते हैं। वहीं हादसे के बाद परिजनों का रो- रोकर बुरा हाल है। पत्नी बासमती देवी और पुत्री गिरजा देवी हादसे मे खा़क हुई झोपड़ी की ओर देखकर बार-बार अचेत हो जा रही थी।