गाजीपुर के ढाबा मालिक एक-दो नही, सैकड़ों ट्रक के मालिक है

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गाजीपुर – खबर के शिर्षक ने आप को अवश्य चौकाया होगा,कि ये साधारण से ढाबा मालिक एक-दो नही , सैकड़ों ट्रको के मालिक कब और कैसे हो गये । यह खेल गाजीपुर सहित पुरे देश मे खेला जाता है। प्रत्येक जनपद के आर०टी०ओ०/ए०आर०टी०ओ०और ढाबा मालिकों की आपसी सांठगांठ होती है। गैर प्रान्त के ट्रक ड्राइवर जैसे विहार के ट्रक ड्राइवर कोयला , लाल बालू लाद कर जब गाजीपुर मे प्रवेश करते है तो परिवहन विभाग के कर्मचारी उन्हे पकड़ कर , उनके कागजात को चेक करने लगते है और ट्रक सीज करने की धमकी देते है,कभी-कभी कर भी देते है। चूकी इन ट्रक ड्राइवर /मालिक की स्थानिय आर.टी.ओ. कार्यालय मे सेटिंग नही होती है इस कारण उन्हे काफी परेशानी होती है। इस परेशानी से बचने के लिए , ट्रक ड्राइवर को स्थानीय ढाबों के शरण मे जाना पडता है। ढाबा संचालक अपने ढाबा पर निरंतर रूकने वाले ट्रक का नम्बर और महिना परिवहन विभाग के गुप्त रजिस्टर/डायरी मे नोट करा देता है । परिवहन विभाग के लोग जब गैर प्रान्त के ट्रकों को पकडते है तो ड्राइवर मालिक के जगह पर ढाबे का नाम बताता है और परिवहन विभाग के लोग , अपने गुप्ता डायरी/रजिस्टर को चेक करते है। यदि उस ढाबा संचालक के द्वारा नोट कराई गयी ट्रकों की लिस्ट मे उसका नम्बर है तो वह बैध है यदि नही है तो वह अबैध कार्य मे लिप्त है। कल्पना पर आधारित

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