गाजीपुर-कौन है अमर ब्रदर्स और बीएचयू क्यों देता है इनके नाम से छात्रों को पुरस्कार

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गाजीपुर-औड़िहार की धरती को वैसे ही भगवान विष्णु के बराह रूप का अवतरण स्थल माना जाता है। साथ ही ये भी मान्यता है कि भगवान विष्णु ने यहीं पर बाराह रूप धारण किया था। इसके अलावा सैदपुर की धरती का भी ऐतिहासिक महत्व है। इन उपलब्धियों में चार चांद लगाकर विश्व में चमकाने का काम किया है क्षेत्रीय प्रवक्ता बंधुओं ने।

इन प्रवक्ता भाईयों ने विश्व के सबसे पढ़े लिखे परिवार होने का विश्व रिकार्ड बनाया है। मामला ये है कि आम तौर पर किसी परिवार में कोई व्यक्ति खूब पढ़ लिख ले और जिले का सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारी बन जाए तो वो ही सबसे बड़ी बात हो जाती है लेकिन मूल रूप से सैदपुर के औड़िहार कलां व वर्तमान में वाराणसी के मीरापुर बसहीं निवासी 3 जुड़वा भाईयों ने अपनी शिक्षा दीक्षा का लोहा पूरी दुनिया में मनवाते हुए दुनिया के सबसे ज्यादा पढ़े लिखे परिवार समेत सबसे ज्यादा पुरस्कार पाने का खिताब हासिल करते हुए लिम्का बुक ऑफ रेकार्ड्स में अपना नाम दर्ज कराकर सैदपुर का नाम विश्व जगत में गौरवान्वित किया है। इसके अलावा इनके पूरे परिवार के नाम से बीएचयू जैसे विश्वविद्यालय में टॉपर्स को मेडल दिए जाते हों। जी हां! हम बात कर रहे हैं औड़िहार कलां के मूल निवासी सेवानिवृत्त आईआरएस अधिकारी आरपी सिंह के अमर ब्रदर्स के नाम से मशहूर 3 भाई प्रो. अमर बहादुर सिंह, प्रो. अमर ज्योति सिंह व प्रो. अमरनाथ सिंह की। प्रो. अमरनाथ ने बताया कि बीएचयू प्रतिवर्ष सर्वोत्कृष्ट व्यक्तियों के नाम से पुरस्कार देती है। ऐसे में बीएचयू द्वारा एलएलएम में टॉप करने वाले छात्र को मेरे यानी प्रो. अमरनाथ के नाम से गोल्ड मेडल देती है। अगर कोई एमजे में टॉप करता है तो उसे मेरे भाई प्रो. अमरबहादुर सिंह के नाम से गोल्ड मेडल व अगर कोई सोशियोलॉजी से एमए में टॉप करता है तो उसे अमरज्योति सिंह के नाम से गोल्ड मेडल मिलता है। इसके अलावा राजनैतिक विज्ञान में एमए टॉप करने वाले छात्र को मेरे स्वतंत्रता सेनानी दादा ठाकुर संग्राम सिंह के नाम से गोल्ड मेडल दिया जाता है। बीएचयू आईआईटी व बीएचयू में साइंस से मैथ का कोई छात्र अगर टॉप करता है तो उसे मेरे पिता व पूर्व आईआरएस अधिकारी आरपी सिंह के नाम से गोल्ड मेडल दिया जाता है। इसके अलावा बीएचयू द्वारा सिंह बदर्स की मां व दादी के नाम पर भी पुरस्कार दिए जाते हैं। वर्तमान में प्रो. अमर बहादुर इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्टैंडिंग काउंसिल, पत्रकारिता में अमरज्योति प्रोफेसर व अमर बहादुर समाजशास्त्र के प्रवक्ता हैं। शिक्षा जगत में भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की सबसे अंतिम व सबसे बड़ी डिग्री डी. लिट् यानी डॉक्टर ऑफ लिटरेचर की डिग्री सभी तीनों भाईयों ने अपने अपने क्षेत्र में महज 35 से 36 वर्ष की आयु में ही हासिल कर ली है। ये डिग्री पीएचडी के 10 सालों के बाद ही मिल सकती है। साथ ही हर भाई ने दर्जन भर और कुल मिलाकर 3 दर्जन से अधिक किताबें लिखी हैं जिन्हें 150 से अधिक प्रदेश, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार हासिल हो चुके हैं। जिसके बाद 2005 में विश्व रिकार्ड बना कि सिंह परिवार दुनिया के सबसे अधिक पढ़े लिखे लोगों का परिवार है। वहीं 2007 में पुनः रिकार्ड बना और फिर 2013 में लिम्का वर्ल्ड ऑफ रेकार्ड्स ने इस परिवार को दुनिया का सबसे अधिक पढ़ा लिखा परिवार घोषित करने के साथ ही दुनिया का सबसे ज्यादा पुरस्कार वाला परिवार भी घोषित किया है। जिसके साथ ही ये सिंह ब्रदर्स अमर ब्रदर्स के नाम से मशहूर हो चुके हैं। (सौ०आकाश बर्नवाल)

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