गाजीपुर: क्या हम वही कह और कर रहे हैं जो आतंकी चाहते हैं ?

गाजीपुर:हर क्रिया की प्रतिक्रिया स्वाभाविक है ।जम्मू कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष ,मासूम पर्यटकों की आतंकियों के द्वारा की गई नृशंस हत्या के कारण पूरे देश में गम और गुस्से का उबाल है। आतंकवादियों की कृत्य से आक्रोशित देशवासी जगह-जगह धरना प्रदर्शन करने के साथ ही साथ पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने की मांग कर रहे हैं ,लेकिन क्या हम वही नहीं कर रहे हैं जो आतंकवादी चाहते हैं ? पूरी दुनिया जानती है कि भारत हिंदू बाहुल्य देश है और इस देश में मुसलमानों की भी बहुत बड़ी संख्या निवास करती है। पाकिस्तान सरकार द्वारा पालित-पोषित आतंकवादियों का मकसद भी निरपराध हिंदू पर्यटकों की हत्या कर हिंदू जनमानस में अल्पसंख्यकों के प्रति नफरत पैदा करना ही है और हम उनके द्वारा जो वह चाहते हैं वही हम कर रहे हैं ।वर्तमान समय में सरकार की बात-बात पर राजनीति करने वाला देश का विपक्ष भी एकजुट होकर भारत सरकार के साथ है लेकिन पाकिस्तान पर सीधे -सीधे हमला कर देना भी किसी समस्या का समाधान नहीं है।हां जिन आतंकवादियों ने हमला किया है उनको भारत सरकार की तमाम खुफिया एजेंसियां खोजें, खोज कर निकले और जिस तरह से इजरायल की गुप्तचर संस्था मोसाद देश के दुश्मनों को उनके अंतिम मुकाम तक पहुंचती है उसी तरह से पहुंचना ही सबसे बेहतर विकल्प है। लेकिन भारत में रहने वाले अल्पसंख्यकों के प्रति विरोध प्रदर्शन करना, हर अल्पसंख्यक को शक की नजर से देखना क्या यह आतंकवादियों के मकसद को पूरा नहीं करता है ? हमें इस समय अपने ग़म और गुस्से को संयमित करना पड़ेगा और हमारे देश के निरपराध लोगों की हत्या करने वाले आतंकवादियों को खोज-खोज कर सजा देनी होगी, लेकिन जिन पर्यटकों की हत्या से जम्मू कश्मीर के लोगों की रोजी-रोटी पर संकट आ जाएगा ,आतंकवादी यदि अल्पसंख्यकों को अपना भाई मानते तो कदापि उनके पेट पर लात मारने का काम नहीं करते ।लेकिन यह सौ फीसदी सच है कि आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता। अगर उनका भी धर्म इस्लाम होता और यदि वह इस्लाम परस्त होते तो ऐसा घिनौना काम वह करते ही नहीं। अतः हमें वर्तमान समय में अपने आप में धैर्य बनाकर सरकार के द्वारा उठाए जाने वाले कदमों का इंतजार करना चाहिए।तमाम सोशल मीडिया पर वायरल विडियो इस बात की पुष्टि करते हैं कि आतंकवादियों के इस कृत्य से कश्मीर का स्थानीय निवासियों में भी काफी आक्रोश है और वे आतंकवादियों के कृत्य के खिलाफ धरना प्रदर्शन भी कर रहे हैं। स्थानीय कश्मीरियों द्वारा पर्यटकों की मदद के तमाम पर्यटकों ने कहानियों का विडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए उनके द्वारा की गयी मदद की भूरी भूरी प्रशंसा किया गया है।(यह लेखक का अपना विचार)