गाजीपुर-छोटे लोहिया की पुण्यतिथि पर सपाइयों ने किया नमन्

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गाजीपुर-22 जनवरी 2021 को महान समाजवादी नेता ,छोटे लोहिया के नाम से दुनिया में विख्यात स्वर्गीय जनेश्वर मिश्रा जी की पुण्यतिथि के अवसर पर समाजवादी पार्टी गाजीपुर के तत्वाधान में पार्टी कार्यालय समता भवन पर जिलाध्यक्ष रामधारी यादव की अध्यक्षता में माल्यार्पण कार्यक्रम एवं विचार गोष्ठी आयोजित हुई ।
गोष्ठी आरंभ होने के पूर्व समाजवादी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं एवं नेताओं ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लोकतंत्र की रक्षा एवं समाज में व्याप्त गैर बराबरी को समाप्त करने का संकल्प लिया ।
गोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करने के पूर्व जिलाध्यक्ष रामधारी यादव ने नवनियुक्त समाजवादी शिक्षक सभा के राष्ट्रीय सचिव विजय शंकर चौरसिया और चन्द्रिका यादव का माल्यार्पण कर स्वागत किया और कहा कि इनके मनोनयन से दल को मजबूती मिलेगी ।
गोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष रामधारी यादव ने स्वर्गीय जनेश्वर मिश्र जी को महान नेता बताते हुए समाजवादी आंदोलन का प्रमुख स्तंभ बताया । उन्होंने कहा कि वह समाजवाद के पुरोधा थे ।उन्होंने अपने वसूलों और सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया। उनके मन में गरीब ,कमजोर और पीड़ितों के लिए करुणा थी । वह पूरा जीवन सरलता ,ईमानदारी और सादगी की चादर ओढ़े रहे । उन्होंने अन्याय, शोषण ,अत्याचार ,भेदभाव ,छुआछूत और पूंजीवाद के खिलाफ आजीवन संघर्ष किया। वह खांटी समाजवादी थे, वह कहा करते थे कि गरीबों के आंसू पूछना ही सच्चा समाजवाद है ।डॉ लोहिया ने उनके बारे में कहा था कि जनेश्वर जी जैसा एक भी नेता अगर मुल्क में रहेगा तो तानाशाही ताकत देश में कभी भी अपना सर नहीं उठा सकती । अपृश्यता के खिलाफ उन्होंने जीवन पर्यंत लड़ाई लड़ी और उसके खिलाफ आंदोलन भी किया । छुआछूत को पूरे देश के लिए कलंक मानते थे । उनके मन में बचपन से ही सामाजिक व्यवस्था में व्याप्त विसंगतियों के प्रति विद्रोह की भावना थी ।आंदोलन और संघर्ष उनके जीवन के मूल मंत्र थे ।वह सामाजिक और राजनीतिक जीवन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के पैरोकार रहे । आज जब मोदी की तानाशाही नीतियों के चलते पूरा देश त्राहि-त्राहि कर रहा है , जब देश का किसान अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर है,नौजवान रोजगार की तलाश में दर दर की ठोकरें खा रहा है, छात्र अपनी मांगों को लेकर अलग आन्दोलनरत है , संवैधानिक संस्थाओं को लगातार कमजोर करने की साजिश रची जा रही है, सरकारी उपक्रमों को निजी हाथों में सौंपने के बाद किसानों के खेतों को भी पूंजीपति घरानों को सौंपने की साजिश सरकार रच रही है , ऐसे दौर में देशवासी आज पूरी शिद्दत के साथ जनेश्वर जी को याद कर रहा है कि यदि वह आज जिन्दा होते तो देश की तानाशाही हुकूमत के खिलाफ संघर्ष कर उस पर लगाम कसने का काम करते ।
इस गोष्ठी में मुख्य रूप से पूर्व मंत्री जय किशन साहू, जिला उपाध्यक्ष निजामुद्दीन खां,जिला मीडिया प्रभारी अरुण कुमार श्रीवास्तव, राम यश यादव ,आत्मा यादव, बजरंगी यादव, विजय शंकर चौरसिया ,चंद्रिका यादव ,अहमर जमाल, सत्या यादव ,दिनेश यादव, कमलेश यादव, रमेश यादव ,ओम प्रकाश यादव ,राजेंद्र यादव, हरिनारायण यादव ,तहसीन अहमद, अनिल यादव ,अमित ठाकुर ,सदानंद कनौजिया, रजनीश यादव ,रामाशीष यादव, आजाद राय ,रामविलास यादव, शाहिद खान, ओम प्रकाश यादव ,प्रभुनाथ राम, श्री राम सिंह यादव, शिवपूजन यादव पाचूं ,राहुल सिंह, नन्हे खां , राकेश यादव,लड्डन खां, दीपक वर्मा, अजीत यादव, राजेंद्र यादव आदि उपस्थित थे ।इस गोष्ठी का संचालन जिला उपाध्यक्ष कन्हैया लाल विश्वकर्मा ने किया ।

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