गाजीपुर-जिला चिकित्सालय के कामचोर कर्मचारी

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गाजीपुर-उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री जी एवं विश्व पटल पर महामानव के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर रहे देश के माननीय प्रधानमंत्री जी केंद्र से लेकर प्रदेश तक में संचालित हो रही अपनी सरकार को गांव, गरीब, मजदूर, किसान की सरकार बताते नहीं थक रहे हैं, सबका साथ, सबका विकास इस तरह के दावे इन लोगों की तरफ से कियें जाते रहे हैं परंतु आज जनता के साथ जो कुछ हो रहा है उसने एहसास करा दिया है कि माननीय प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बड़े-बड़े दावों के बावजूद जमीनी हकीकत कुछ और ही है, वाक्य कुछ यूं है कि उत्तर प्रदेश के जनपद गाजीपुर के मुख्यालय पर स्थित एकमात्र जिला चिकित्सालय पर जब मरीज को लेकर अपने परिजन पहुंच रहे हैं तो वहां उपस्थित चिकित्सकों से लेकर चिकित्साकर्मियों द्वारा सेवा के स्थान पर खुलेआम दुर्व्यवहार और सौदेबाजी की जा रही है न तो उन्हें भगवान का डर है और ना ही सत्ता या सरकार का कोई खौफ है साथ ही साथ इनके बाबत जब कोई पीड़ित जिला प्रशासन के उच्चाधिकारियों से संपर्क साधने की कोशिश करता है तो शिकायत सुनना तो दूर कोई जिम्मेदार अधिकारी जनता का फोन उठाने की भी जहमत नहीं ले रहा है हालात यह है कि शिकायत दर्ज कराने वाला मरीज या उसका परिजन अपने नसीब को कोसते हुए घर जाने को विवश व लाचार है, बताते चले कि आज दिनांक 22-01-2021 को जब छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष दीपक उपाध्याय अपनी मां को रैबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए सदर अस्पताल पहुंचें तो वहां इंजेक्शन कक्ष में कोई कर्मचारी ही मौजूद नहीं था। छात्र संघ उपाध्यक्ष दीपक उपाध्याय ने बताया कि इंजेक्शन कक्ष में दस बजे से लेकर एक बजे तक बैठा रहा और ना तो कोई नोटिस लगाई गई थी और ना ही कोई कर्मचारी मौजूद था वहां मौजूद अन्य मरीजों भी काफी परेशान थे तो बीमार मां के साथ परेशान हालत में उन्होंने ने तत्काल जिला चिकित्सालय के उच्चाधिकारियों से संपर्क साधने कि कोशिश किया तो किसी ने फोन उठाने कि जरूरत नहीं समझी काफी भीड़ जुटने पर वहां भीड़ बेकाबू देख आनन- फानन में एक कर्मचारी आकर नोटिस लगाया कि रैबीज इंजेक्शन खत्म हो गया है जिससे आम जन-मानस और भड़क उठी तब तक मौके कि नजाकत देख मौजूदा कर्मचारी वहां से नौ दो ग्यारह हो गया इस बाबत छात्र नेता ने सारी घटनाक्रम को विडियो में कैद कर लिया और सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी से मांग कि है कि जनपद कि बद से बद्तर हो चुकी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को तत्काल चुस्त-दुरुस्त कराया जाय एवं आज कि घटना के जिम्मेवार व कर्तव्य में लापरवाही दिखाने वाले चिकित्साकर्मी पर तत्काल आवश्यक कार्रवाई करायी जाय ताकि भविष्य में किसी मरीज या उसके पीड़ित परिजन के साथ इस तरह के घटना कि पुनरावृत्ति न हो सकें। कारवाई न होने कि स्थिति में आम जन-मानस का आक्रोश व दुख बढता ही चला जाएगा, ऐसा न हो कि इस तरह कि घटनाओं से आहत व दुखी होकर जिले कि जनता को जिला प्रशासन के साथ ही सरकार के विरुद्ध सडक पर उतरकर आंदोलन को बाध्य होना पड़ सकता है। साथ ही आम जन-मानस कि फरियाद को लाख कोशिश करने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन के उच्चाधिकारियों द्वारा इस तरह से फोन न उठाते हुए फरियादी जनता के प्रति संवेदनहीनता का परिचय दिया गया इसे भी एक बड़ी समस्या के रूप में संज्ञान में लेते हुए श्री दीपक उपाध्याय ने माननीय मुख्यमंत्री महोदय से यह आग्रह पूर्ण मांग किया है कि ये शासन स्तर पर निर्देश जारी करते हुए किसी आपात स्थिति में सूचना दर्ज कराने वाले प्रदेश कि फरियादी जनता का फोन तत्काल उठाने के लिए भी निर्देशित करें।

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