गाजीपुर- बी०जे०पी० पर भारी पडती सपा और बसपा-निकाय चुनाव

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गाजीपुर-नगरपालिका परिषद का चुनाव पुरे शबाब पर है , जिन बहुरियों का पाँव कभी घर से बाहर भी नही निकलता था ,आज वही बहुरियां आस-पास तथा पडोस के चाचा, चाची,देवर,जेठ के पैर लपक-लपक कर पकड़ रही है। गाजीपुर नगर पालिका परिषद पर चार बार से कब्जा जमाये भाजपा की राह इस बार काफी कठीन लग रही है। कहीं नोट बन्दी का आक्रोश, कही जीएसटी का आक्रोश, स्वर्णकारों मे सेसा लगाने का आक्रोश, कही शिक्षामित्रों का आक्रोश,आंगनबाडी कार्यकर्तियों का आक्रोश, शिक्षाप्रेरकों का आक्रोश भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार सरिता अग्रवाल पत्नी विनोद अग्रवाल पर भारी पडता दिख रहा है। समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार प्रेमा सिह पत्नी स्व०प्रोफेसर एस०पी०सिह का चुनाव लगातार चढता जा रहा है। प्रेमा सिह के सुपुत्र शम्मी सिह लगातार 12-14 साल से नगर पालिका गाजीपुर की समस्यायों को लेकर काफी संघर्ष किया है ,यही कारण है कि शम्मी सिह युवाओं मे काफी लोक प्रिय है। प्रेमा सिह के मजबूत होने का एक कारण और है , 1962 मे गाजीपुर के चुनेगये सांसद स्व०विश्वनाथ सिह गहमरी का पुत्री होना। ये वही विश्वनाथ सिह गहमरी है जिनके संसद मे गाजीपुर और पुर्वांचल के पिछड़े पन की चर्चा पर तमाम सांसदो सहित भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल फुट-फुट कर रोये और पटेल कमीशन का गठन किया। बसपा उम्मीदवार सफरूं निशां पत्नी सरिफ राईनी के मजबूती का आधार एकलौता अल्पसंख्यक उम्मीदवार होने के साथ-साथ सरिफ राईनी का चौथी या पांचवी बार चूनाव लडने के कारण एक सहानुभूति की लहर भी है। सरिफ राईनी का मृदु और सरल व्यवहार भी मतदाताओं को अपनी तरफ आकर्षित करता है। कौन जितेगा और कौन हारेगा यह तो अभी भविष्य के गर्भ मे है।

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