गाजीपुर- मौत को भी उनका मरना मंजूर नहीं था

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गाजीपुर-मतसा गांव के रहने वाले हरिहर ने बताया कि उसकी 25 वर्षीय पत्नी सविता देवी सुबह करीब 10:00 बजे अपने दोनों 5 वर्षीय परी व 3 वर्षीय अनुराग के साथ घर से नाराज होकर निकली। दोनों बच्चों सहित वह धरम्मरपुर गांव के पास गंगा तट पर पहुंची। वह घर से नाराज होकर बच्चों को साथ लेकर निकली थी।मल्लाह रामवृक्ष के अनुसार घटनास्थल के कुछ ही दूरी पर उसकी झोपड़ी है वह अपनी झोपड़ी में लेटा था।तब ही एक महिला अपने दो बच्चों के साथ आती दिखाई दी। कुछ देर इधर-उधर देखने के बाद महिला ने अपने 5 वर्षीय पुत्री परी को नदी में फेंक दिया व कुछ पल बाद उसने 3 वर्षीय पुत्र अनुराग को भी गोद में लेकर खुद गंगा नदी में कूद गई। यह दृश्य देख रहे रामवृक्ष अपने पुत्रों को आवाज देता हुआ मौका ए वारदात की तरफ दौड़ा पडा। पिता की आवाज सुनकर उसके तीनों पुत्र भी दौडते हुए मौके पर पहुंच गए और किसी तरह से तीनों को गंगा नदी से बाहर निकाला। इसके बाद मल्लाह रामबृक्ष ने अन्य लोगों के सहयोग से तीनों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जमानिया में भर्ती कराया।जहां महिला का इलाज चल रहा है। महिला के नाम और पता बताने पर मतसा गांव के लोगों को घटना की सूचना दी गई।जिसके बाद पति हरिहर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा पत्नी व बच्चों को देखकर फफक कर रो पड़ा।पति जब अपने बच्चों से लिपट कर विलाप कर रहा था तो आसपास के लोगों के आँखों से भी आँसू निकल पडे। इस संबंध में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डा०रूद्रकांत सिंह ने बताया कि महिला और दोनों बच्चों की स्थिति ठीक है।

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