गाजीपुर-यहां कमीशन पर विकास बिकता है

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गाजीपुर। जिला पंचायत कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। अधिकांश जनप्रतिनिधियों की जानकारी में यहां भ्रष्टाचार का खुला खेल चल रहा है। इस समय 36 करोड़ के टेंडर को हथियाने और उसको मुंह मांगे कमीशन पर बेचने का कार्य जोर-शोर से चल रहा है।

एक ठेकेदार ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि 40 प्रतिशत कमीशन लेकर जिला पंचायत सदस्यों के कार्यों को बेचा जा रहा है। लेकिन कोई भी ठेकेदार बोलने की हैसियत में नहीं है। बताया जा रहा है कि जिला पंचायत से जनपद की 345 परियोजनाओं का टेंडर फार्म बीते दिनों विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित किया गया था। इस टेंडर की कुल लागत 36 करोड़ दर्शाई गई थी। शासन का निर्देश था कि टेंडर प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी बनाया जाए, लेकिन अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत सुरेश कुमार की मिलीभगत से उन्हीं ठेकेदारों को टेंडर फॉर्म दिए गए। जिन्होंने संबंधित को 40 प्रतिशत नगद कमीशन उपलब्ध कराया।

इस पूरे मामले को अगर समझा जाए तो यह सियासत और भ्रष्टाचार का पुराना रिश्ता है। यह खेल काफी दिनों से चला आ रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष जो भी रहा है,इस पूरे सिस्टम को समझा और उस पर बकायदा अमल किया।कुछ सदस्यों का आरोप है कि जिला पंचायत अध्यक्ष की जानकारी में यह भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है। अगर निष्पक्ष तरीके से जिला पंचायत कार्यालय से बनी सड़कों की जांच करा दी जाए तो बड़ा खुलासा हो सकता है। अधिकांश सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। जो सड़कें बनी हैं, उनको देखकर ऐसा लगता है कि योगी सरकार में भी यहां का भ्रष्टाचार नहीं रुकेगा। भ्रष्टाचार का यह खेल जिला पंचायत कार्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों की देखरेख में चल रहा है।

ऊपर से लेकर नीचे तक भ्रष्टाचार का पुरा सिस्टम बना हुआ है। जिला पंचायत अध्यक्ष के पति विजय यादव कहते हैं कि उनकी जानकारी में भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। लेकिन विभाग क्या कमीशन लेता है? उससे मुझे कुछ नहीं लेना देना है। अब इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिला पंचायत में किस तरह से भ्रष्टाचार हो रहा है। इस मामले की यदि निष्पक्ष तरीके से जांच करा दी जाए तो कई ठेकेदार व जेई जेल में होंगे और कमीशन खोरी करने वाले सदस्यों का भी असली चेहरा सामने आएगा।

इस संबंध में जिलाधिकारी ओम प्रकाश आर्य से जब बात की गई तो उन्होंने साफ तौर से कहा कि यह खेल अब बंद होना चाहिए। इस पूरे मामले को देखा जाएगा। अगर किसी भी ठेकेदार को टेंडर फार्म के संबंध में कोई शिकायत है तो वह उनके कार्यालय में अपनी शिकायत सीधे तौर पर दे सकता है। ऐसे ठेकेदारों का नाम गोपनीय रखा जाएगा जो इस भ्रष्टाचार के खेल का साक्ष्य है उन तक पहुंचा देंगे। भाजपा बूथ अध्यक्ष प्रवीण कुमार दूबे ने जिला पंचायत में टेंडर के नाम पर करोड़ों के खेल का आरोप लगाया है। जिला पंचायत विभाग के अधिकारी सहित अध्यक्ष पर भी आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार के खेल में सब लूट रहे है।(श्रोत-दैनिक भास्कर गाजीपुर)

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