गाजीपुर-विफल योजना अपनाने पर अडी़ सरकार

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ग़ाज़ीपुर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में राही पर्यटन आवास गृह तुलसीपुर गाज़ीपुर में आज दिन बुधवार को एक प्रेस वार्ता किया गया, जिसमें निजीकरण के विरोध में प्रमुख वक्ताओं ने अपनी बात मीडियाकर्मियों के सामने रखी। इस पत्रकार वार्ता के दौरान जिला संयोजक निर्भय नारायण सिंह ने कहा कि निजीकरण होने से पावर कारपोरेशन में कंपनी मनमाना बिल आम उपभोक्ताओं से वसूल करेगी एव आये दिन मानसिक रूप से एव आर्थिक रूप से शोषण आम उपभोक्ता का करेगी जो न्याय हित में नही है। आगे उन्होंने यह भी बताया कि मीडिया कर्मियों के माध्यम से हम लोग अपनी मांगों को सरकार तक पहुचाने के लिए अपील किये तथा साथ ही साथ सभी सम्मानित उपभोक्ताओं से निजीकरण के विरोध में सड़क पर उतरने की अपिल किया। जूनियर इंजीनियर संगठन के पूर्वांचल अध्यक्ष शत्रुघ्न यादव ने बताया कि सरकार की गलत नीतियों से वर्ष 2000 में जो घाटा 77 करोड़ था वह वर्ष 2020 में घाटा बढ़कर 93 हज़ार करोड़ से अधिक हो गया है। उन्होंने सरकार से मांग किया कि एक वर्ष के लिए सरकार संघर्ष समिति बिजली विभाग को अपने तरीके से चलाने का मौका दे तो हम राजस्व बढ़ाने के साथ साथ लाइन लास को घटाने का कार्य करेगे। सह संयोजक ई. शिवम राय ने बताया कि अभी किसानों, गरीबी रेखा के नीचे और 500 यूनिट्स प्रति माह बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को पावर कारपोरेशन घाटा उठाकर बिजली देता है, जिसके चलते इन ऊभोक्ताओ को लागत से कम मूल्य पर बिजली मिल रही है। अब निजीकरण के बाद स्वाभाविक तौर पर इन उपभोक्ताओं के लिए बिजली महंगी होगी। निजीकरण और फ्रेंचाइजी के जरिये निजी क्षेत्र को विद्युत वितरण सौपने का प्रयोग उत्तर प्रदेश के लिए नया नही है, यह ग्रेटर नोएडा और आगरा में पूरी तरह विफल रहा है।
सभा मे मुख्य रूप से अधिशासी अभियंता मनीष कुमार, महेंद्र मिश्रा, आदित्य आदि लोग उपस्थित थे।

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