गाजीपुर-सत्यापन से भयभीत ग्राम प्रधान

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गाजीपुर। राष्ट्रीय पंचायत राज ग्राम प्रधान के अध्यक्ष भयंकर सिंह यादव और अखिल भारतीय प्रधान संगठन के अध्यक्ष सुरेंद्र प्रताप सिंह चंचल ने फुल्लनपुर में स्थित एक पैलेस में शुक्रवार को प्रेसवार्ता किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि कहा कि कोरोना काल में जिला प्रशासन की तरफ से ग्राम प्रधानों के क्षेत्र में कोई छिड़काव नहीं हुआ है और ही मास्क का वितरण किया गया। ग्राम प्रधानों ने अपना पैसा खर्च कर छिड़काव और मास्क वितरण कराया है। इसकी जांच होनी चाहिए। घोटाला अधिकारी करते है और आरोप ग्राम प्रधानों पर लगाया जाता है। अधिकारी जब चाहते है, प्रधानों की जांच बैठा देते है, लेकिन हम लोगों की शिकायत पर उक्त अधिकारियों की जांच नहीं होती है, उनकी भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण जनपद खुले में शौच मुक्त हो चुका है। इस बात का प्रमाण पत्र सभी ग्राम सभाओं को दिया जा चुका है और सभी ग्राम सभाओं में ब्लाक से लेकर और प्रदेश तक की लगभग पांच टीमों द्वारा जांच हो चुका है। फिर पुनः जिलाधिकारी द्वारा सत्यापन कराने का आदेश सही नहीं है। क्यों ग्राम प्रधानों द्वारा लभार्थियों को शौचालय उपलब्ध करा देने के बाद उसके रख-रखाव और प्रयोग का दायित्व प्रधानों पर नहीं है, यह लभार्थी के और स्वच्छता मिशन में लगे समस्त कर्मचारियों की जिम्मेदारी है, न कि प्रधान की। इसिलए प्रधानों को बदनाम व बेइज्जत करने की नियत से कराए जा रहे जांच को तत्काल वापस लिया जाए। कहा कि सामुदायित शौचालय और पंचायत भवन के जमीन के लिए ग्राम प्रधानों पर बेजा दबाव बनाया जा रहा है, जबकि यह कार्य राजस्व विभाग का है। जिस जमीन पर सामुदायिक शौचालय और पंचायत भवन बनना है, उस जमीन की पैमाइश और सीमांकन कराकर प्रधानों को उपलब्ध कराया जाए। तत्पश्चात इन भवनों को बनाने के लिए कहा जाए। गांवसभा की सभी सरकारी जमीने व पोखरी दबंगों के कब्जे में है, जिसको बार-बार कहने के बावजूद सरकारी अधिकारियों द्वारा कब्जामुक्त नहीं कराया जा सका। इन सभी जमीनों को तत्काल कब्जामुक्त कराकर गांव सभा को दिया जाए। सामुदायिक शौचालय और पंचायत भवन, जिसको बनाने के लिए जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा लगातार दबाव बनाया जा रहा है, इसका मैटेरियल गिट्टी, बालू, सीमेंट, सरिया, ईंट आदि का जिस सरकारी रेट से स्टीमेट बनाया गया, उस रेट और गाजीपुर के बाजार भाव में लगभग 25 प्रतिशत का अंतर है। बावजूद इसके जिलाधिकारी द्वारा गुणवत्ता युक्त कार्य करने का आदेश दिया जा रहा है, जो कत्तई संभव नहीं है। शौचालय और पंचायत भवन में प्रधानों द्वारा जिले से टी.एस. कराने के नाम पर पैसा मांगा जा रहा है। इससे सात महीने से भुगतान विहीन प्रधान सकते में हैं। इसको बंद किया जाए और उचित बाजार भाव लागू किया जाए। कहा कि जिले के अधिकांश ग्राम प्रधानों पर गांव के दबंगों, अपराधियों और अराजक तत्वों द्वारा हमले हो रहे हैं, जिसकी सूचना पुलिस को देने पर भी प्रभावी कदम नहीं उठाया जा रहा है, जिससे आएदिन प्रधानों के ऊपर जानलेवा हमले की घटना बढ़ रही है और उनके परिवार को अपराधियों औऱ राजनैतिक विरोधियों के सांठ-गांठ से फर्जी मुकदमें में फंसाने का अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसको संज्ञान में लेते हुए प्रधानों और उनके परिवार की जान-माल की सम्पूर्ण सुरक्षा की व्यवस्था की जाए। कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही बिजली की समस्या ट्रांसफार्मर, विद्युत काफी नीचे और लोगों के घरों के ऊपर से गुजरे चारों को तत्काल सही कराया जाए। इस अवसर पर महासचिव शमीम सिद्दीकी, संजय राय मंटू, मदन यादव, दारा यादव, रमेश यादव, रामबचन यादव, आकाश यादव, राघवेंद्र सिंह, संतोष, आकाश राजभर, नंदलाल विश्वकर्मा, हरिकेश यादव, मुरली यादव, संतोष कुशवाहा, राघवेंद्र कुशवाहा, रविंद्र यादव, अशोक यादव, विमलेश राय, मदन यादव, रजनीश यादव आदि ग्राम प्रधान उपस्थित थे।

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