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दिल्ली: महाविद्यालय के शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं ने जन्तर मन्तर पर दिया धरना

दिल्ली:अखिल भारतीय विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक महासंघ (ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज टीचर्स ऑर्गनाइजेशन- AIFUCTO) के 32 सूत्रीय माँगों को पूर्ण किए जाने हेतु जंतर मंतर,नई दिल्ली पर 29 अप्रैल 2025 को विशाल धरना एवं संसद मार्च आयोजित किया गया।
पुरानी पेंशन बहाल करने, एसोसिएट प्रोफेसर पद पर प्रोन्नति हेतु पीएचडी की बाध्यता समाप्त करने, नई शिक्षा नीति-2020 वापस लेने, यूजीसी ड्रॉफ्ट रेगुलेशन, 2024-25 वापस लेने से लेकर आठवें वेतन आयोग अविलंब स्थापित करने की माँगें प्रमुख हैं।केंद्र सरकार की नीति और नीयत सरकारी शिक्षक के प्रति नकारात्मक है,निजीकरण अस्वीकार्य है।निजीकरण से लूट और शोषण बढ़ेगा, कमजोर और पिछड़े वर्गों की शिक्षा में भागीदारी घटेगी और देश-समाज में विषमता बढ़ेगी।सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण अधिकार शिक्षा का अधिकार का हनन होगा।महासंघ द्वारा शिक्षा के बजट को जीडीपी के 10 प्रतिशत तक बढ़ाने की माँग देश के विकास हेतु बहुत मायने रखता है।

स्नातकोत्तर महाविद्यालय शिक्षक संघ,गाज़ीपुर के महामंत्री डॉ. मनोज कुमार सिंह और विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के वरिष्ठ संयुक्त मंत्री एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष डॉ. जे. के. राव ने महासंघ द्वारा आयोजित विशाल धरने में महाविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया।

शिक्षा और शिक्षा संस्थान बचेंगे, तभी शिक्षक और शिक्षार्थी बचेंगे, इसके बड़े निहतार्थ हैं; समाज को सरकार की गलत शिक्षा नीति को गंभीरता से लिए हुए इस संघर्ष में भागीदारी और सहयोग करने की आवश्यकता है।

(डॉ. मनोज कुमार सिंह, महामंत्री, महाविद्यालय शिक्षक संघ, गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश।मो.9455665727, ईमेल:mkspsy@gmail. com)