बुथ एजेंट या बलि का बकरा

गाजीपुर- लोकसभा का चुनाव हो, विधानसभा का चुनाव हो, ग्राम प्रधानी का चुनाव हो, बीडीसी का चुनाव हो या जिला पंचायत सदस्य का चुनाव हो, वार्ड मेंबर या सभासदी का चुनाव हो सभी चुनावों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण भूमिका राजनैतिक दल और राजनीतिक व्यक्तियों के लिए बूथ एजेंटों का ही होता हैं। बुथ एजेंट मतदान के दिन बूथ पर सबसे अधिक गाली -गलौज करते हैं, खाते हैं ,मारपीट करते हैं और मारपीट खाते हैं । वर्तमान समय में समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी जोर-शोर से इन्हें सम्मानित करने का दिखावा कर रही है ,जबकि वास्तविकता यह है कि यही बूथ एजेंट जिनके लिए गाली खाते है और दुशरे दल के एजेन्ट को गरियाते है, निर्वाचित होने के बाद जब उनके पास जाते हैं वही जनप्रतिनिधि छोटा या बड़ा हो उनका कोई काम नहीं करता है। और तो और उन्हें पहचाननें से भी इनकार कर देता है। लोकसभा का चुनाव सर पर है तो इनकी भी वही स्थिति है जैसे बलि के बकरे की हलाल होने से पहले की स्थिति होती है। जैसे बलि के बकरे को हलाल होने से पहले गले में माला, भीगा हुआ चना खिलाते हैं।

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