वाराणसी-पुरे परिवार की मौत से दहला बनारस

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वाराणसी- नए साल के पहले दिन सुबह-सुबह एक ऐसी सनसनीखेज खबर सामने आई जिसने बनारस के लोगों को झकझोर कर रख दिया। काशी रेलवे स्टेशन पर दूरसंचार विभाग मे कार्यरत संकेतक राजीव रंजन आयु 38 वर्ष उनकी गर्भवती पत्नी अनुपमा 34 वर्ष और बेटे हर्ष आयु ढाई वर्ष का शव रेलवे कॉलोनी स्थित उनके आवास मे पड़े मिले। यह हादसा था या खुदकुशी या हत्या इस बारे में अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं हो सका है। मृतकों का पोस्टमार्टम सोमवार को कराया जाएगा। पुलिस का कहना है कि आवास के जिस कमरे से शव बरामद किया गया वहां अंगीठी जलती पाई गई। कमरे में धुआं-धुआं भरा था, तीनों के मुंह से झाग भी निकल रहा था। पति पत्नी के मोबाइल फोन एक साथ फ्लाइट मोड पर डाले गए थे। फिलहाल पुलिस सभी एंगल पर जांच कर रही है। पति-पत्नी की मोबाइल की सीडीआर भी निकलवाई जा रही है,ताकि मौत की असली वजह जानी जा सके। मौके पर पहुंची राजीव रंजन की छोटी मामी मुन्नी कुमारी ने बताया कि 30 दिसंबर को पटना में भांजे के जन्मदिन कार्यक्रम में राजीव और अनुपमा से मुलाकात हुई थी, दोनों बेहद खुश थे। मुन्नी कुमारी के पति एसएन सिन्हा पीडीडीयू नगर रेलवे स्टेशन पर सेक्शन इंजीनियर है।रेलकर्मी राजीव रंजन के परिवार के लिए नए वर्ष का पहला दिन काफी अशुभ रहा। सुबह जैसे ही पति पत्नी और बेटे के शव मिलने की सूचना परिजनों को मिली वैसे ही परिजनों की खुशियां मातम में बदल गई। वाराणसी में रहने वाले रिश्तेदार कुछ देर में ही राजीव के सरकारी आवास पर पहुंच गए लेकिन बिहार के नालंदा से परिजन काफी देर से आ सके।रिश्तेदारों के मुताबिक नए वर्ष की शुभकामना देने के लिए पटना में रहने वाली बड़ी बहन ने राजीव और अनुपमा को कई बार फोन मिलाया था लेकिन बात नहीं हो पाई।इसकी सूचना बहन ने सुबह बरेका मे फिटर के पद पर तैनात चचेरे भाई विजय को भी दी। विजय जब रेलवे आवास पहुंचा तो वहां पहले से ही मौजूद पुलिस और आसपास के लोगों की भीड़ देखकर सहम गया। आवास के अंदर कमरे में घुसा तो भाई राजीव ,भाभी अनुपमा और ढाई साल के भतीजे हर्ष के शव पड़े थे।यह देख विजय व अन्य रिश्तेदार फफक कर रो पड़े। सूचना मिलने के बाद बिहार के नालंदा से पिता नवल पटेल अन्य रिश्तेदार भी वाराणसी आए।जब सब मोर्चरी मे गए और शव को देखकर बेसुध हो गये,होश मे आने पर पिता ने कहा कि सब कुछ खत्म हो गया।काशी स्टेशन के पास रेलवे आवास संख्या डी-29 ब्लॉक में रहने वाले रेलकर्मी राजीव रंजन और उनकी पत्नी अनुपमा के मोबाइल फोन शनिवार की रात 9:30 बजे फ्लाइट मोड मे डाले गए थे।अनुपम ने अंतिम बार रात 8:30 बजे अहमदाबाद में रहने वाली अपनी बड़ी बहन से वीडियो कॉल पर बात की थी। आदमपुर पुलिस चौकी के प्रभारी राहुल रंजन के मुताबिक फॉरेंसिक फिल्ड यूनिट के साथ जब कमरे में दाखिल हुए तो तीनों के शव बेड पर पड़े थे।अनुपम का हांथ बेटे हर्ष के नाक और मुंह पर था। पति-पत्नी की मोबाइल फोन पुलिस द्वारा कब्जे में लिए गए हैं।पत्नी के मोबाइल में पासवर्ड लाक था जबकि राजीव का मोबाइल अनलॉक था। कमरे में कुछ बरामद नहीं हुआ और ना ही कोई सुसाइड नोट मिला है और न जहर से संबंधित रैपर या सीसी।उनके कमरे के अंदर एक भी खिड़की और रोशनदान नहीं है। डॉक्टरों की टीम से भी सुझाव लिए जा रहे हैं ।राजीव अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। चार बहनों में एकलौता भाई था। खानदान का वंश राजीव और उसके बेटे हर्ष की मौत के साथ ही खत्म हो गया। मां के पेट में पल रहे गर्भ की भी मौत से परिजन काफी मर्माहत है ।परिजनों का कहना था कि खानदान का वंश ही डूब गया।काशी के स्टेशन मास्टर के.के. सिंह ने बताया कि राजीव बहुत ही खुश मिजाज व्यक्ति था। कभी-कभी वह पत्नी और बच्चों के साथ स्टेशन पर टहलने आता था। शनिवार की शाम पत्नी और बच्चों के संग वह गंगा घाट और आरती देखने गया था। पत्नी व बेटे के साथ सेल्फी भी ली थी ।फरवरी 22 मे वह काशी स्टेशन पर तैनात हुआ था, इसके पूर्व वह सुल्तानपुर में था।पड़ोसियों ने बताया की अंगीठी जलाने के लिए दरवाजे के बाहर लकड़ी तोड़ते वक्त वह दिखा था। उसका बेटा हर्ष रात 8:00 बजे दरवाजे पर अन्य बच्चों के संग पटाखा छोड़ने व खेलते वक्त दिखा था। पड़ोसियों के अनुसार पत्नी और पति के बीच की तरह किसी तरह की कोई अनबन नहीं थी।

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