गाजीपुर सदर विधान सभा और प्रतापगढ के पट्टी विधान का मामला एक दम समान है। गाजीपुर सदर विधान सभा से बसपा से डाँ० राजकुमार सिह गौतम और सपा से बिजय मिश्रा एक दुसरे के प्रतिद्वंद्वी थे। डाँ०गौतम ने 49320 मत और विजय मिश्रा 49561 मत प्राप्त किया था। 241 मतो से विजय मिश्रा को विजयी घोषित कर दिया गया। लेकिन सरकारी कर्मचारीयो द्वारा डाले गये 1030 मतो को गिनाही नही गया। जिससे खिलाफ डाँ० राजकुमार गौतम ने हाईकोर्ट मे अपील कर रख्खा है। ठीक यही कहानी प्रतापगढ़ के पट्टी विधान सभा चूनाव मे 2012 मे ही दुहाई गयीं। भाजपा प्रत्याशी मोती सिंह ने 61278 मत प्राप्त किया और निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के राम सिह ने 61432 मत प्राप्त किया । वहाँ के तत्कालीन आर.ओ. तथा एस.डी.एम. ने कर्मचारी मतो के 945 पोस्टल बैलेट काउंटीग किये ही राम सिह को 154 मतो से विजयी घोषित कर दिया। इस अवैध चुनाव परिणाम के खिलाफ मोती सिह ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच मे अपील कर रख्खा था जिस मे आज कोर्ट ने राम सिह के चुनाव को अवैद्य मानते हुए रद्द कर दिया।