इलहाबाद – मामला वर्ष 2014 का है, मृतक उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद मे कार्यरत थे। मृतक कर्मचारी के पुत्र ने मृतक आश्रित कोटे के तहत बेसिक शिक्षा परिषद मे नौकरी प्राप्त कर लिया। नौकरी प्राप्त करने के बाद बेटे ने माँ को कुछ वर्षो तक तो अपने साथ रख्खा लेकिन संमबन्ध असामान्य होने पर अपने से अलग कर दिया। माँ सावित्रि देबी ने अपने भरण-पोषण हेतु मा०उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने याचिका दाखिल किया, याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि ” मृतक आश्रित कोटे के तहत न्यूक्ति पाने वाला व्यक्ति अपने जिम्मेरारीयों से इन्कार नही कर सकता है ” ।
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