नाराज किसानों ने किया फाईल जमा करने से इनकार

गाजीपुर- गाजीपुर-वाराणसी राष्ट्रीय मार्ग -29 को फोरलेन के रूप में परिवर्तित करने का कार्य जोर-शोर से चल रहा है। फोरलेन के लिए जिन किसानों की भूमि अधिगृहीत की गई है, उनके साथ सोमवार को डीह बाबा के परिसर में कानूनगो और लेखपाल के साथ सोमवार को उनकी बैठक हुई। इस दौरान जब किसानों से फाइल जमा करने की बात कही गई तो उन्होंने यह कहते हुए फाइल जमा करने से इंकार कर दिया कि देवकली ग्राम में आज तक किसानों को नोटिस वितरित नहीं किया गया और न तो फोरलेन में अधिगृहीत जमीन की जानकारी दी गई। ऐसे में किसानों को यह भी पता नहीं चल पा रहा है कि कितना जमीन किसकी ली गई है।
चकबंदी विभाग के कानूनगो पीएन सिंह और लेखपाल संतोष कुमार डीह बाबा परिसर में किसानों के साथ वार्ता करने के लिए पहुंचे थे। किसानों से बातचीत के दौरान फाइल जमा करने के लिए दो फोटो, रसीदी टिकट, स्टांप पेपर, इंतखाब, बैंक पासबुक की छाया प्रति, आधार कार्ड, सीसी फार्म जमा करने को कहा। इस पर किसानों ने कहा कि पहले नोटिस वितरित कर किसानों को जानकारी दी जाए ताकि उनको पता चले कि किस किसान की कितनी जमीन अधिगृहीत की गई है। जब सभी गांवों में नोटिस दिया गया और मुआवजा भी खाते में भेज दिया गया तो देवकली ग्राम में आज तक नोटिस क्यों नहीं दी गई। सीधे फाइल जमा करने के लिए दबाव क्यों बनाया जा रहा है। जब तक नोटिस नहीं मिलेगा और अधिगृहीत जमीन के रकबा के बारे में जानकारी नहीं दी जाएगी, तब तक किसान फाइल जमा नहीं करेंगे और एकजुट होकर विरोध करेंगे। भुक्तभोगी किसानों ने कहा कि 1971 में जब बाईपास रोड देवकली में बनाया गया तो काफी भागदौड़ करने के बाद करीब 25 वर्ष वाद 1995 में मनमाने ढंग से मुआवजा दिया गया। अब डर सता रहा है कि देवकली में पुन: इसकी पुनरावृत्ति हो सकती है, जिसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। चेतावनी दी कि यदि समय रहते नोटिस और अधिग्रहण की जानकारी नहीं दी गई तो किसान आंदोलन को बाध्य होंगे। इस मौके पर अवधेश, नरेंद्र, विरेंद्र, किसोरी देव प्रसाद, हरि, संतोष, अशोक कुमार, उमाशंकर, सुदामा, रामभरोस, राकेश, योगी सहित दर्जनों किसान मौजूद रहे। कानूनगो पीएन सिंह ने कहा हमें नोटिस नहीं दिया गया है न तो वितरित करने के बारे में कोई जानकारी दी गई है। नंदगंज के चकबंदी अधिकारी मनीष कुमार ने कहा कि देवकली में नोटिस नहीं वितरित किया जाएगा, न तो इस संबंध में कोई जानकारी ही हैं।