गाजीपुर – जाको राखे साइयां मार सके ना कोय, यह कहावत कल रात बिल्कुल सच साबित हुई । एक निर्दई मां ने मासूम बच्ची को जन्म लेते ही पास के बसवारी में फेंक दिया तो मानवता की रक्षा करने के लिए भगवान ने उस मासूम की रखवाली के लिए कुत्तों को भेज दिया। कुत्ते रात भर उस बच्ची के चारों तरफ बैठकर बच्ची की रखवाली करते रहे। सुबह होने पर बच्चे की रोने की आवाज सुनकर ग्रामीण जब पांच पहुंचे तो उसे उठा कर घर ले गए। बाद में उसे शहर कोतवाली क्षेत्र के रौजा निवासी एक गुप्ता परिवार को पालन पोषण के लिए सुपुर्द कर दिया गया। मामला जंगीपुर थाना क्षेत्र के इनरवा गांव का है। ग्रामीण रोज की तरह भोर में जगे और टहलने के लिए सड़क की ओर जाने लगे तो रास्ते में उन्हें एक बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी । लोग यह सोच कर कि किसी के घर में बच्ची रो रही है, आगे बढ़ गए । जैसे ही सुबह हुई तो कुछ महिलाओं की निगाह बसवारी के पास खडे आधा दर्जन कुत्तों पर गई। महिलाओं को शक हुआ और वो बसवारी की ओर गई तो मासूम को देखकर सन्न रह गई। कुछ ही देर बाद वहां सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई जो भी मासूम को देख रहा था वह निर्दई मां को कोस रहा था। शुरू में ग्रामीण अपने स्तर से पता लगाने का प्रयास किए कि इस नवजात को कौन यहां फेंक गया है। जब कुछ नहीं पता नहीं चला तो रौजा निवासी एक व्यक्ति उस बच्ची को लालन-पालन हेतू सौंप दिया गया।
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