गाजीपुर-वर्ष 2010 में पंचायत चुनाव की गहमागहमी पूरे जनपद में फैली हुई थी। हर गांव में प्रधान ,बीडीसी और मेम्बर चुने जाने की लोग मे होड़ लगी हुई थी। इसी समय जमानिया कोतवाली के महली गांव में दो पक्ष आमने सामने आ गये।दोनों पक्षों मे जमकर मारपीट हुई।इस मारपीट मे एक पक्ष विजय कांत सिंह ने जमानियां कोतवाली मे तहरीर दिया कि 22 अक्टूबर 2010 को गांव निवासी शिवनारायन, शिव जी, वकील व उनके पिता हरहंगी, भाई हनुमान व गांव निवासी भरत, दिनेश व सुरेंद्र से वोट डालने को लेकर उनके पिता से कहासुनी हो गई।शिवनारायन प्रधान पद का प्रत्याशी था और वह बूथ पर अपने लोगों के सहयोग से कब्जा करना चाहता था। मेरे पिता वशिष्ठ सिंह बूथ पर कब्जा करने का विरोध करने लगे तभी इन सभी लोगों ने मिलकर इन लगों ने मेरे पिता वशिष्ठ सिंह पर हमला बोल दिया।इस हमले में उनके पिता वशिष्ठ सिंह गंभीर रूप से जख्मी हो गए उनको इलाज के लिए अस्पताल लेकर जा रहे थे कि रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। वादी की तहरीर पर आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। दूसरे पक्ष की ओर से शिवनारायन की पत्नी तारा देवी ने जमानिया कोतवाली में तहरीर दिया कि विजयकांत, सत्येंद्र, अजय, अशोक ,श्रीराम ,अलगू ने उनके परिजनों के साथ मारपीट किया। दोनों की तहरी मिलने के बाद जमानिया पुलिस ने विवेचना करने के पश्चात आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया।अभियोजन की ओर से दोनों मुकदमे में सहायक शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव ने पक्ष रखा। न्यायालय ने दोनों पक्षों को दोषी मानते हुए एक पक्ष के शिवनारायन,शिवजी, वकील ,हरहंगी, हनुमान,भरत, दिनेश,सुरेंद्र को आजीवन कारावास की सजा तथा प्रत्येक पर 45-45 हजार रुपए का अर्थ दंड लगाया। वहीं दूसरे पक्ष के विजयकांत, सत्येंद्र ,अजय ,अशोक, श्रीराम अलगू उर्फ अन्नू को 4 साल की कैद व प्रत्येक के ऊपर 10-10 हजार का अर्थदंड लगाया।
Copyright © GhazipurToday.com All rights reserved. || Developed & Maintained By Qtriangle Infotech