राममंदिर पर जब कांग्रेस लाई थी अध्यादेश , भाजपा ने किया था विरोध

गाजीपुर-आज से 25 वर्ष पहले कांग्रेस की सरकार ने राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद के मुद्दे को सुलझाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव की सरकार ने एक अध्यादेश लाया था । तब विपक्ष में स्थित भारतीय जनता पार्टी ने उस अध्यादेश का जमकर विरोध किया था ।विश्व हिंदू परिषद की अगुवाई में बीजेपी के समर्थन से चल रहे राम मंदिर आंदोलन के परिणाम स्वरूप 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद गिरा दी गई। इसके 1 साल बाद जनवरी 1993 में अध्यादेश कांग्रेस के द्वारा लाया गया । तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने 7 जनवरी 1993 को इस अध्यादेश को मंजूरी दी।इस अध्यादेश के तहत विवादित परिसर का कुछ भाग सरकार द्वारा अधिग्रहित किया जाना था। इस विवादित मामले को सुलझाने के लिए नरसिम्हा राव सरकार ने 2.77 एकड़ विवादित भूमि के साथ इसके चारों तरफ 60.70 एकड़ भूमि अधिग्रहित किया था। इसके तहत अधिग्रहित जमीन में एक राम मंदिर ,एक मस्जिद ,लाइब्रेरी , म्यूजियम और अन्य सुविधाओं के निर्माण की योजना थी। आज केन्द्र और प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और इसी पार्टी के समर्थक संगठन और साधुसंत सरकार से अध्यादेश लाने की माँग कर रहे है और सरकार अध्यादेश लाने से भाग रही है।

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