गाजीपुर-जीत कर भी जिन्दगी से हार गये

गाजीपुर- राजनीति का खेल भी निराला होता है। कुर्सी पाने के लिए राजनीतिज्ञ हर तरह की तिकड़म लगाते है। लेकिन विजय का ताज उन्हीं के सिर पर सजता है, जिस पर जनता का करम होता है। इस पंचायत चुनाव में बीडीसी और ग्राम प्रधान पद के दो ऐसे प्रत्याशी भी शामिल है, जिन्हें पहले मौत और बाद में जीत मिली।
मालूम हो कि भांवरकोल ब्लाक के चक अहमद कला गोंडी निवासी बुद्धेश्वरनाथ राय की पत्नी सीता राय 2005 से 2010 तक गोड़ी की ग्राम प्रधान थी। इस बाद भी ग्राम प्रधान पद पर ही चुनावी मैदान में थी। उनके कार्य और कुशल व्यवहार से लोगों को समर्थन भी मिल रहा था। चुनाव के दौरान वह अस्वस्थ चल रही थी। 29 अप्रैल को मतदान के बाद उनकी तबियत कुछ अधिक बिगड़ गई और 30 अप्रैल को उनका निधन हो गया। इससे गांववासियों में शोक की लहर दौड़ गई। लोग दुखी मन से आपस में यह बातें करने लगे कि सीता राय चुनाव मैदान में थी। मतदान भी संपन्न हो चुका है। चुनाव परिणाम आने से पहले ही ईश्वर ने उनकी जिंदगी पर मौत की मुहर लगा दी, अब पता नहीं चुनाव परिणाम में क्या होगा। लेकिन मतगणना के बाद आए परिणाम ने सबको चौंका दिया, सीता राय को बम्पर वोटों से चुनाव में जीत मिली। इससे उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। वह कहने लगे कि सीता राय की लोकप्रियता ही थी कि जिंदगी हारने के बाद भी उनके नाम पर जीत की मुहर लगी। उधर सादात क्षेत्र के मजुई गांव से अजहर साहनी बीडीसी पद पर चुनाव मैदान में थे। 25 अप्रैल को बीमारी की वजह से उनका निधन हो गया। इससे चुनावी माहौला में हलचल मच गया। लेकिन शायद प्रत्याशी अजहर के निधन के बाद भी गांववासियों की सहानुभूति उनके साथ थी। यही कारण था कि निधन के बाद भी उन्हें जीत मिली। उन्हें 230 मत मिले। जबकि दूसरे नंबर के प्रत्याशी मुहर्रम को 161 मत मिला। इस संबंध में खंड विकास अधिकारी गोपाल यादव ने बताया कि मृत प्रत्याशी के ही जीतने की स्थिति में दोबारा बीडीसी का चुनाव कराया जाएगा। सौ०समवाद खबर

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