Ghazipur news:का हो कब आई बेतनवां हे मोरे सजनवां

गाजीपुर-वित्त नियंत्रक बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज उत्तर प्रदेश के द्वारा प्रदेश के समस्त बेसिक शिक्षा अधिकारीयों व वित्त एवं लेखा अधिकारीयों को निर्गत पत्र दिनांक 22 दिसंबर 2022 के माध्यम से यह निर्देश दिया गया था कि जिन परिषदीय शिक्षकों ने एनपीएस का फॉर्म अभी तक नहीं भरा है उनके वेतन को बाधित किया जाए। इस आदेश के पश्चात प्रदेश के तमाम शिक्षक संगठनों ने प्रदेश के सभी बीआरसी पर धरना प्रदर्शन किया था और ज्ञापन भी खण्ड शिक्षा अधिकारियों को दिया था। वित्त नियंत्रक बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज उत्तर प्रदेश का पत्र प्राप्त होने के बाद प्रदेश के समस्त बेसिक शिक्षा अधिकारी व वित्त एवं लेखाधिकारियों का रूख ऐसे शिक्षकों प्रति सख्त हो गया और प्रदेश के समस्त जनपदों में कई हजार एनपीएस का फॉर्म न भरने वाले शिक्षकों के चलते एनपीएस का फॉर्म भर चुके शिक्षकों को भी आज वेतन के लाले पड़े हुए हैं।गाजीपुर जनपद शिक्षा क्षेत्र देवकली व नगर क्षेत्र के शिक्षकों का बेतन तो उनके खाते मे जा चूका है लेकिन 15 खण्ड शिक्षाक्षेत्र के हजारों शिक्षक एक दूसरे से पूछ रहे हैं कि वेतन कब तक खाता मे आई ? दूसरी तरफ विभागीय अधिकारी एक या दो दिन के परदे की आड़ लेकर मिडिया के सवाल को टाल रहे है।विभागीय सूत्रों के अनुसार एनपीएस फॉर्म न भरने वालों के वेतन को रोकते हुए अन्य के वेतन को भेजने की बात कह रहे हैं। बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज के निर्देशानुसार अप्रैल 2004 के बाद परिषदीय विद्यालयों में नियुक्त शिक्षक शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के एनपीएस कटौती हेतु विभाग द्वारा जारी किए गए पत्र के अनुसार अभी तक जिन शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों ने इस कटौती का फॉर्म नहीं भरा है उनके बेतन को बाधित का निर्देश दिया गया है। इसी के बाद दिनांक 2 जनवरी 2023 को वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा परिषद गाजीपुर के द्वारा जारी पत्र के अनुसार जनपद गाजीपुर में बेसिक शिक्षा परिषद में कार्यरत शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों का एनपीएस कटौती हेतु प्रान एलाटमेंट करने के लिए एनपीएस का फॉर्म भरवा कर कार्यालय वित्त लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा परिषद गाजीपुर को प्रेषित करने की समीक्षा जनपद के समस्त खंड शिक्षा अधिकारियों से की गई है। जिनके बाद समस्त खंड शिक्षा अधिकारी अपने अपने शिक्षा क्षेत्र के 2291 शिक्षकों के वेतन को बाधित करने का आदेश निर्गत किया था। इस आदेश के बाद जनपद के लगभग 700 शिक्षकों ने एनपीएस का फॉर्म भर कर अपने-अपने खंड शिक्षा अधिकारियों को उपलब्ध करा दिया, लेकिन 1500 शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने दिनांक 6 जनवरी 2023 तक फॉर्म न भर कर अपने-अपने खंड शिक्षा अधिकारियों को उपलब्ध नहीं कराया है। जिसकी वजह से 1500 शिक्षकों का वेतन बाधित किए जाने की आशंका है। इसी तरह से डीबीटी में आधार की फिडिंग नहीं कराने के कारण लगभग 700 शिक्षकों का वेतन भी बाधित होने की आशंका है। प्रदेश मे परिषदीय विद्यालयों में शिक्षको लगभग 3 लाख 79 हजार व शिक्षक तथा परिषदीय विद्यालयों की संख्या 1लाख 58 हजार है।जनपद गाजीपुर में परिषदीय विद्यालयों की संख्या 2270 के आसपास है तथा कार्यरत शिक्षकों की संख्या 11000 के आसपास है। शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की संख्या लगभग 244 के आसपास है।एनपीएस के संदर्भ मे जब शिक्षक नेता राधेश्याम यादव से जब गाजीपुर टुडे ने बात किया तो उन्होंने बताया कि एनपीएस एक स्वैच्छिक योजना है इसे जो लेना चाहे ले जो न लेना चाहे न ले लेकिन बिभाग जबर्दस्ती पर उतारू है।हाईकोर्ट की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया इस जबर्दस्ती के खिलाफ जो लोग हाईकोर्ट गये उन्हें हाईकोर्ट ने स्टे दे रखा है। हाईकोर्ट का स्थगनादेश सामुहिक नहीं है।दुशरी तरफ पति को बेतन न मिलने के कारण परेशान पत्नियां पतियों से पुछ रही है ” काहो कब आई बेतनवां हे मोरे सजनवा”