गाजीपुर: पहलगाम में शहीद पर्यटकों को मूकबधिर बच्चों ने दी श्रद्धांजलि

गाजीपुर दिनांक 23 अप्रैल 2025:जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकियों द्वारा पर्यटकों पर की गई अंधाधुंध गोलीबारी कर की गयी हत्या की आज पूरा देश क्या, पूरा विश्व घोर निंदा कर रहा है। आतंकवादियों की इस बर्बर कार्यवाही में अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है। सेना की वर्दी में आये आतंकवादियो ने पहलगाम से 10 किलोमीटर दूर बायसरन घाटी में पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा , परिचय पत्र देखे, फिर हिंदू हो कह कर गोली मार दी। इन मृतकों में 3 मुसलमान, 2 विदेशी सहित 22 हिंदू पर्यटक शहीद हुए हैं तथा कम से कम 20 अन्य घायल हुए हैं ।आतंकवादियों के कृत्य की समर्पण संस्था, शास्त्री नगर गाजीपुर द्वारा संचालित राजेश्वरी विकलांग विद्यालय एवं प्रशिक्षण संस्थान फतेउल्लाहपुर के सैकड़ो मूकबधिर बच्चों सहित विद्यालय के शिक्षक /शिक्षिकाओं ने शहीद पर्यटकों को श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस अवसर पर संस्था की संरक्षिका सुश्री सविता सिंह ने कहा कि आतंकवादियों का ना तो कोई धर्म होता है ना तो कोई जाति होती है। दुनिया का हर धर्म एक दूसरे से प्रेम करना सिखाता है। अन्य धर्म के आतंकवादी दूसरे धर्म और जाति के लोगों की हत्या कर न जाने समाज और दुनिया को क्या संदेश देना चाहते हैं ? यह एक घृणित और निन्दनीय कार्य है।जिन लोगों ने इस आतंकी कार्रवाई में अपने प्राण न्यौछावर किया है , ईश्वर उनके परिजनों को इस आघात को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।इस अवसर पर नाजिया बेगम ने कहा कि इस्लाम में किसी निर्दोष की हत्या करना बहुत बड़ा पाप माना गया है और जम्मू कश्मीर में आये पर्यटकों की हत्या करने वाले इस्लाम के सच्चे अनुयाई कभी हो ही नहीं सकते, निरपराध लोगों की हत्या करने वाले सिर्फ और सिर्फ इस्लाम को बदनाम करते हैं। ऐसे लोगों से सच्चा मुसलमान सिर्फ नफरत करता है।श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए अशोक यादव ने कहा की आजादी के समय से ही हमारे देश का एक हिस्सा जम्मू कश्मीर एक मजहब विशेष के आतंकवादियों द्वारा बार-बार आतंकवादी गतिविधियों के द्वारा निशाना बनाया जाता रहा है और निरपराध लोगों को मौत की नींद सुलाया जाता रहा है,अब देश की सहनशक्ति जवाब दे रही है। शिक्षिका रागिनी सिंह ने कहा जम्मू-कश्मीर के लोगों के जीविकोपार्जन का मुख्य श्रोत पर्यटन है। वर्ष 2024-25 में लगभग 2.5 करोड़ पर्यटक जम्मू-कश्मीर आये थे जिससे हजारों करोड़ का वहां के गरीब अल्पसंख्यकों को फायदा हुआ।अगर ऐसा ही चलता रहा तो वहां के गरीब अल्पसंख्यक भूखों मरने को मजबूर हो जायेंगे।ए तथाकथित जेहादी किसी के हितैषी नहीं है।श्रद्धांजलि सभा में सैकड़ो मूकबधिर बच्चों ने 1 मिनट का मौन रखकर शहीद पर्यटकों को श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इस अवसर पर रागिनी सिंह, श्रीमती लक्ष्मी वर्मा ,सुमित्रा सिंह, अनीता देवी, आरती, प्रभात, अजीत गुप्ता इत्यादि लोग श्रद्धांजलि सभा शामिल थे ।श्रद्धांजलि सभा का संचालन शिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य अमरनाथ गुप्ता ने किया उन्होंने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि भारत के इतिहास में में पहली बार इस आतंकी कार्रवाई के विरोध में जम्मू-कश्मीर की जनता सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रही है।