गाजीपुर: नगरपालिका के स्वकर का भूत पंहुचा हाईकोर्ट

गाजीपुर : स्वकर का भूत नगर पालिका परिषद गाज़ीपुर के बोर्ड का दशकों से चक्कर लगा रहा है लेकिन अभी तक स्वकर निर्धारण को लेकर के कोई स्पष्ट निर्णय जनता को देखने को नहीं मिला रहा है। स्वकर को लेकर समाजसेवी विवेक कुमार सिंह “शम्मी ” सहित अन्य समाजसेवी लगातार संघर्ष करते रहे हैं और अपने संघर्ष को लेकर चर्चा में बने रहे हैं लेकिन परिणाम आज भी ढांक के तीन पात जैसे है।पिछले महीने मार्च -अप्रैल में स्वकर निर्धारण को लेकर के नगर पालिका परिषद की बैठक में काफी हंगामा हुआ लेकिन नगर पालिका परिषद की बैठक में स्वकर निर्धारण के मुद्दे को लेकर बोर्ड की बैठक में एक मत नहीं हो सका और स्वकर निर्धारण के लिए दूसरे दिन बोर्ड की बैठक रखने की बात करके बैठक खत्म कर दी गई। लेकिन दूसरे दिन भी कोई निर्णय नहीं हुआ और प्रदेश सरकार द्वारा स्वकर की अधिसूचना के प्रकाशन की अंतिम तिथि पूर्व से निर्धारित होने के कारण बगैर बोर्ड की बैठक में स्वीकृत कराए नगर पालिका परिषद की सीईओ ने स्वकार के अधिसूचना कि गजट का नोटिफिकेशन प्रकाशित करा दी ।नगर पालिका परिषद के सीईओ के इस निर्णय अथवा कृत्य से नाराज अनिता देवी व अन्य 17 सभासदों ने अब हाई कोर्ट का दरवाजा इस आधार पर खटखटाया है कि बगैर बोर्ड में पास कराए अधिशासी अधिकारी द्वारा स्वकर का गजट कराया जाना अवैध है। कुछ अपुष्ट खबरों के अनुसार सभासदों को माध्यम बनाकर एक पूर्व चेयरमैन ने यह खेला खेला है जिससे दल विशेष के जिलाध्यक्ष उस पूर्व चेयरमैन से सरकार के निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट में जाने से काफी नाराज़ हैं जबकि चेयरमैन सभासदों के इस निर्णय से अपने आप को अलग दिखाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। वैसे पूरा जनपद इस बात से भलि भांति अवगत हैं कि दोनों गुट एक दूसरे के धुर विरोधी है।कुछ लोगों का कहना है कि हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में कई सभासदों के हस्ताक्षर फर्जी है। क्या सच है क्या फर्जी है यह तो जांच का विषय है।अब आने वाले दिनों में यह देखना है कि स्वकर के मुद्दे को लेकर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा क्या निर्णय दिया जाता है।