गाजीपुर- 8 नवंबर 2016 का दिन शायद ही भारत का कोई नागरिक भूलेगा।जब भारत सरकार ने नोटबंदी की घोषणा की तो पूरे देश में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। नोट बदलने के लिए लोगों की बैंकों के सामने कतारें लग गई। उस नोटबंदी का परिणाम यह हुआ कि सैकड़ों लोगों को नोट बदलने मे अपनी जान देनी पड़ी। एक बार फिर भारतीय रिजर्व बैंक ने 19 मई 2023 को यह घोषणा किया कि 2000 के नोटों को प्रचलन से बाहर किया जाएगा और 2000 के नोटों को बदलने की तारीख 23 मई का भी ऐलान कर दिया गया। घोषणा में यह भी कहा गया कि 20000 तक के नोटों को बदलने के लिए न कोई फॉर्म भरना होग ना कोई आईडी प्रूफ लगानी होगी, लेकिन 50,000 या इससे अधिक राशि अकाउंट में जमा करने पर पैन कार्ड जरूरी होगा। नोटों को बदलने की प्रक्रिया 30 सितंबर 2023 तक जारी रहेगी। आरबीआई के इस घोषणा के बाद अब लोग अपने घरों में रखे हुए 2000 के नोटों को बदलने के लिए आतुर होते दिखाई देने लगे।लोगों ने अपने घरों में रखे गए 2000 के नोटों को लेकर ₹100 या ₹200 के सामान की खरीदारी के लिए दुकानदारों को 2000 के नोटों को देना शुरू कर दिया है ।इससे छोटे दुकानदार परेशान दिखाई दे रहे हैं। दूसरी तरफ पेट्रोल टंकी पर भी लोग 2000 के नोट से अपने गाड़ियों में डीजल और पेट्रोल भराते हुए दिख रहे हैं। दूसरी तरफ आरबीआई के इस कदम की विपक्षी दल आलोचना भी कर रहे हैं।बिपक्षी दलों का कहना है कि जब 2000 के नोटों को लांच किया गया तो सरकार ने कहा कि महंगाई कम होगी, भ्रष्टाचार दूर होगा, आतंकवाद की कमर टुट जायेगा, काला धन खत्म हो जायेगा।लेकिन कुछ ही वर्षों के बाद 2000 के नोट का प्रचलन से बाहर करना लोगों के समझ से परे है। विपक्षी दलों ने उस समय भी 2000 के नोटों को लेकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और एक बार फिर विपक्षी पार्टियों ने ब्लैक मनी को व्हाइट करने का आसान तरीका पूजीपतियों को उपलब्ध कराने का आरोप लगाया है। आने वाले दिनों में रिजर्व बैंक के इस घोषणा का देश की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा यह देखने वाली बात है।
