गाजीपुर-विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश व अन्य की याचिका संख्या 122 /2023 पर सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के न्यायमूर्ति श्री राजीव सिंह की बेंच ने एनपीएस न लेने पर वित्त नियंत्रक बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज व प्रदेश के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारीयों व वित्त एवं लेखाधिकारियों के द्वारा वेतन रोकने के आदेश पर स्थगन आदेश/स्टे आर्डर पारित किया है।याचियों के अधिवक्ता श्री आलोक गुप्ता ने याचियो की ओर से न्यायालय से प्रार्थना किया कि अधिसूचना दिनांक 28 मार्च 2005 शासनादेश संख्या दिनांक 16/ 12/ 22 और वित्त नियंत्रक बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज उत्तर प्रदेश के दिनांक 22/ 12/ 22 के उस बिंदु को निरस्त किया जाए जिसमें मार्केट आधारित एनपीएस कर्मचारियों के लिए बाध्यकारी बताया गया है न लेने पर वेतन रोका जा रहा है। अधिवक्ता ने आगे यह भी न्यायालय को अवगत कराया कि मार्केट आधारित एनपीएस में कुछ भी निश्चित नहीं है। सेवानिवृत्ति के बाद कितनी धनराशि मिलेगी, कितनी पेंशन मिलेगी, कितनी ग्रेच्युटी होगी, महंगाई से कैसे निपटेंगे। सब कुछ निश्चित नहीं है।इसमें बुढ़ापे में सामाजिक सुरक्षा को लेकर कोई गारंटी नहीं है।पूरी गणना बाजार/शेयर मार्केट पर आधारित है।मामले के महत्त्व को देखते हुए माननीय न्यायालय ने आदेश दिया कि अग्रिम आदेश तक प्रान पंजीकरण न कराने वाले किसी कर्मचारी का शासनादेश दिनांक 16 दिसंबर 2022 के आधार पर वेतन नहीं रोका जाए।न्यायालय ने सभी संबंधित प्रतिवादी अधिकारियों को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई की तिथि 21 फरवरी 2023 निर्धारित की है।
