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Ghazipur news:ओमप्रकाश राजभर पर लौटन राम निषाद का आरोप

गाजीपुर। भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता लौटन राम निषाद ने सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर द्वारा जारी राजभर मतदाताओं के आँकड़े को हवाहवाईं व झूठ का पुलिंदा बताया है। उनका कहना है कि राजनीतिक दलों पर राजनीतिक दबाव बनाकर सौदेबाजी के लिए हाथ पैर मार रहे हैं। उन्होंने बताया कि सुल्तानपुर, बाराबंकी,अयोध्या मिर्जापुर, रॉबर्ट्सगंज,वाराणसी, मिश्रिख,सीतापुर, भदोही में राजभर मतदाता 1 से 20 हजार ही होंगे। मछलीशहर, जौनपुर, कैसरगंज,गोंडा,सिद्धार्थ नगर,महराजगंज,संत कबीर नगर में 10 से 40 हजार,देवरिया, गोरखपुर, बस्ती, गोंडा, श्रावस्ती, बहराइच में 40 से 50 हजार, गाजीपुर, चंदौली,अम्बेडकर नगर, कुशीनगर,बलिया में 70 हजार से एक लाख राजभर मतदाता होंगे। बताया कि आज़मगढ़, लालगंज, घोसी,सलेमपुर राजभर समाज के प्रभाव वाली सीटें हैं जहाँ 1 से 2.5 लाख राजभर मतदाता होंगे।उन्होंने कहा कि ओमप्रकाश राजभर पलटीमार और सौदेबाज नेता हैँ। "लात मुक्का खाएंगे,

भाजपा का गुण गायेंगे”,यही ओमप्रकाश का चरित्र है। संजय निषाद और ओमप्रकाश राजभर ने निज स्वार्थ में अपने समाज के साथ धोखाधड़ी, चालबाजी कर आरक्षण के मुद्दे को शून्य करा दिया।
निषाद ने कहा कि निषाद पार्टी,सुभासपा,अपना दल (एस) क्रमश: संजय निषाद एंड फॅमिली,ओमप्रकाश राजभर एंड संस और अनुप्रिया पटेल एंड हसबैंड की प्राइवेट लिमिटेड सौदेबाज कंपनी है।ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा और संजय कुमार निषाद की निषाद पार्टी का उदय निषाद, केवट, मल्लाह, बिन्द,कश्यप, राजभर जातियों के अनुसूचित जाति के आरक्षण के मुद्दे पर हुआ। लेकिन ओमप्रकाश राजभर और संजय निषाद ने निज स्वार्थ और परिवारवाद के चक्कर में 17 अतिपिछड़ी जातियों के आरक्षण मुद्दे को खत्म कर दिया। अनुप्रिया पटेल और संजय निषाद,ओमप्रकाश राजभर तीनों गठबंधन के तहत हिस्से में मिली सीटों को करोड़ों करोड़ों में बेचकर माल इकट्ठा करना ही इनका एकमात्र लक्ष्य है।अनुप्रिया पटेल भी टिकट विक्रेता हैं, पर य़ह कुर्मी पटेल को टिकट बेचने में प्राथमिकता देती हैं और संजय और ओमप्रकाश अपने परिवार के अलावा सामंती पूंजीपतियों और माफियाओं को ही तवज्जो देते हैं। ओमप्रकाश राजभर और संजय निषाद सिर्फ समाज को बरगलाने और भीड़ जुटाने के लिए आरक्षण की बात करते हैं, अंदरखाने आरक्षण के मुद्दे पर चुप्पी साध लेते हैं। उन्होंने कहा कि ये जाति आधारित दल चलाने वाले सौदेबाज और धूर्त कत्तई नहीं चाहते कि अतिपिछड़ी जातियों की आरक्षण की समस्या का समाधान हो, क्योंकि तब इनकी लूट कम्पनी का खेल खत्म हो जाएगा।
निषाद ने बताया कि लोकसभा चुनाव 2019 में ओमप्रकाश राजभर ने सुभासपा के पूर्वांचल के 19 लोकसभा क्षेत्र में अपना प्रत्याशी उतारा था। उन्होंने सुभासपा के प्रत्याशियों को प्राप्त मत का विवरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि घोषी में सर्वाधिक 39,860 वोट प्राप्त हुआ था। बलिया में 35,900,सलेमपुर में 35,520,गाजीपुर में 33,877,जौनपुर में 27,185,
चंदौली में 18,985,लालगंज
में 17,927,अम्बेदकर नगर में 15,167,बस्ती में 11,971,मछली शहर में 11,223,आज़मगढ़ में 10,078,वाराणसी में 8,892,
कुशीनगर में 8,454,देवरिया में 4,868,रॉबर्ट्स गंज में 4,817,
गोरखपुर में 4,319,सुल्तानपुर में 4,271,गोंडा में 3,856 वोट सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रत्याशी को मिला था। ओमप्रकाश राजभर ने सौदेबाजी और राजनीतिक दबाव के लिए पूर्वांचल के 28 लोकसभा क्षेत्रों में 80,000 से 3,90,000 राजभर मतदाता होने का दावा पेश किया है, जो सत्यता से परे और बिल्कुल झूठा आँकड़ा है। सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र की कुल जनसंख्या में 1.31 प्रतिशत है।