ग़ाज़ीपुर

Ghazipur News:जनपद को जिन पर गर्व वो अशोक सिंह इस गांव के निवासी हैं

गाजीपुर:पूरे देश में अपना जनपद सेना के जवानों के लिए बहुत पहले से ही जाना जाता है। जनपद का सायद ही ऐसा कोई गांव हो जहां का कोई न कोई जवान देश के सीमा की रक्षा में अपना योगदान न देता हो। एशिया का सबसे बड़ा गांव गहमर जहां प्रत्येक परिवार का एक-दो या तीन जवान अवश्य सीमा की रक्षा में अपना योगदान अवश्य देता है ‌।अपने जनपद गाजीपुर के कासिमाबाद तहसील के मिर्जापुर गांव निवासी  अशोक सिंह को भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय में एडिशनल ऑफिसर के रूप में नई तैनाती मिली है।उनकी इस तैनाती पर परिवार और क्षेत्र के लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।आपको भी बता दें कि इससे पहले श्री सिंह ने भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के पासपोर्ट सेवा योजना के राष्ट्रीय निदेशक के तौर पर कार्य करते हुए पूरे देश में 400 से अधिक पासपोर्ट कार्यालयों की शुरुआत किया। अशोक सिंह मिर्ज़ापुर निवासी स्व. वृंदा सिंह के पुत्र हैं।इनका जन्म 1972 में हुआ था।

इनकी स्कूली पढ़ाई लिखाई लखनऊ से हुई। जिसके बाद उच्च शिक्षा के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय की क्रिस्चियन डिग्री कालेज में प्रवेश लिया। यहां बीएससी की पढ़ाई के दौरान इन्हें छात्रसंघ का अध्यक्ष भी चुना गया।इसी बीच 1999 में बहुआयामी प्रतिभा के धनी अशोक संयुक्त रक्षा सेवा( सीडीएस) के जरिए सिख लाइट रेजिमेंट में सेना अधिकारी बन गए। इसके बाद इनके करियर का शानदार सफर शुरू हुआ। जहां देश और दुनिया के अलग-अलग जगहों पर कार्य करते हुए शानदार इतिहास रचा।

2008 में संयुक्त राष्ट्र संघ के मिशन में इन्हें पीस कीपिंग फोर्स के अधिकारी के तौर पर कांगों में तैनात किया गया। इनकी नेतृत्व क्षमता,वीरता और शानदार प्रदर्शन को देखते हुए हुए संयुक्त राष्ट्र ने सराहना मेडल भी दिया।इसके अलावा देश के प्रति श्री सिंह के सेवा कार्यों और समर्पण को देखते हुए तीन बार सेनाध्यक्ष, दो बार सेना कमांडर और एक बार उप सेना प्रमुख ने इन्हें प्रशस्ति पत्र देकर भी सम्मानित किया।