Ghazipur news:जनपद में है “बुक किंग”का जलवा

गाजीपुर-आपने अभी तक ,गोल्ड किंग’ कोल किंग, आदि का नाम सुना होगा लेकिन इन सबसे अलग गाजीपुर जनपद में एक” बुक किंग” भी है। यह जान लीजिए नगर के सिंचाई विभाग चौराहे के पास एक चर्चित बुक स्टाल है। जहां एक पार्टीकूलर एक इंग्लिश मीडियम स्कूल की कांपी और किताब सेल होती है।यह बुक स्टॉल का संचालक देखते ही देखते कब बुक माफिया बन गया किसी को पता भी नहीं चला।कमीशन बाजी का खेल खेलकर बुक स्टॉल संचालक लाखों ही नहीं करोणो मालिक बन गया।फिर भी इसकी कामीशन बाजी की आदत नहीं गई और अपनी ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में बदलने के लिए स्कूल के धंधे में कूद गया। अब आप लोग सोच सोच रहे होंगे कि एक मामूली से स्टाल चलाने वाला व्यक्ति कुछ ही वर्षों के भीतर करोड़ों का मालिक कैसे बन गया तो यह जान लीजिए कि इसके पीछे भी कमीशन बाजी का खेल छिपा हुआ है। 10 रूपए की लागत से तैयार हुई कॉपी को 25 रूपए में बेचने की कला सिर्फ और सिर्फ इस बुक स्टॉल के मालिक के पास है। बताते चलें कि इस बुक स्टॉल से बिकने वाली सादी कॉपी और किताबों का दाम आसमान पर रहता है वही कांफी यदि आप किसी दूसरे स्टाल से खरीदेंगे तो अंतर आपको साफ नजर आ जाएगा। जो कांफी इस बुक स्टॉल से मिलेगी यदि उसका मूल्य 17 रूपये है तो दूसरी दुकान पर उसी स्कूल की कॉपी आपको 7 रूपये में मिल जाएगी।अंतर 10 रूपये का है।इस अंतर के संबंध में चर्चित बुक स्टाल मालिक यह बताता है कि उसे स्कूल वालों को कमीशन देना होता है। इसलिए वह कांफी किताबों का दाम बढ़ाकर बेचता है।

संबंधित स्कूल और उसी स्कूल से संबंधित बुक स्टाल के बारे में छात्र छात्राओं के अभिभावकों का कहना है कि ऐसा कभी भी सुनने को नहीं मिला कि स्कूल प्रशासन किताब या कांफी की बिक्री के एवज में कमीशन लेता है।कमीशन का नाम स्कूल से जोड़कर बुक स्टाल संचालक स्कूल की छवि को भी खराब कर रहा है। स्कूल के आड़ में बुक स्टाल संचालक खुद बच्चों के गार्जियन को कमीशन का पाठ पढ़ा कर उन्हें महंगे में कॉपी किताब दे रहा है। जिस स्कूल से संबंधित बुक स्टॉल से जुड़ा यह मामला है उस स्कूल में अपने बच्चों को शिक्षा दिलाने वाले वाले गार्जियन नाम न छापने की शर्त पर बताया कि महंगाई के दौर में वह किसी प्रकार अपने बच्चों की फीस भर पाते हैं ऐसे में 10 रूपये की कॉपी 20 रूपये में खरीदने से उनकी जेब पूरी तरह से खाली हो जा रही है। इस बुक स्टॉल संचालक के बारे में चर्चा यह है कि एक साधारण परिवार से जुड़ा उक्त व्यक्ति कुछ ही वर्षों में करोड़ों का मालिक बन गया। उसने कथित कमीशन बाजी के खेल से इतना काला धन अर्जित किया कि अब वो खुद शिक्षा जगत से जुड़े एक बहुत बड़े एंपायर का मालिक बन गया है।साभार-डीएनए