Ghazipur news:पुलिस की सख्ती से वीडीओ के हमलावरों के हौसले पस्त

गाजीपुर- बहुचर्चित वीडीओ (ग्राम विकास अधिकारी) अटैक केश मे एसपी ओमवीर सिंह की सख्ती ने घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों के हौसलों को पस्त कर दिया है। घटना के नामजद आरोपी रामकिशोर उर्फ रामकिशुन यादव ने पुलिस कार्यवाही से खौफ खाकर बीते 29 मार्च को अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। दूसरे आरोपित राहुल यादव की तलाश में पुलिस दबिश डाल रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार रामकिशोर ने अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था लेकिन कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया। ऐसी स्थिति में उसने समर्पण करने में ही अपनी भलाई समझी।यूपी पुलिस की कार्यवाही का असर जिले के अपराधियों में भी साफ दिखने लगा है। इस केस का दूसरा आरोपी राहुल यादव जोकि करंडा के हिस्ट्रीशीटर ब्लाक प्रमुख आशीष यादव का चचेरा भाई है, वह भी पुलिस के डर से भूमिगत हो गया है। सूत्र बताते हैं कि एसपी का सख्त निर्देश है कि किसी भी सूरत में राहुल यादव की गिरफ्तारी होनी चाहिए। इस मिशन में पुलिस की दो टीमें लगातार दबिश डाल रही हैं। क्राइम ब्रांच और सर्विलांस टीम को कड़े निर्देश दिए गए हैं। इस मामले में पहले तो पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की लेकिन जब जिलाधिकारी आर्यका अखौरी का तत्कालीन सीडीओ से श्रीप्रकाश गुप्ता ने पुलिस अधिकारियों को कड़ा निर्देश दिया तब जाकर इस मामले में दो नामजद समेत दो अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। इस मामले में जिन दो अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है उनका चेहरा अब तक सामने नहीं आया है।इस केश की विवेचना कर रहे गोराबाजार चौकी इंचार्ज अभिषेक सिंह की भूमिका भी इस मामले में संदिग्ध बताई जा रही है। घटना के समय गोराबाजार पुलिस चौकी पर मौजूद चर्चित सिपाही शिव शंकर यादव की अपराधियों से सांठगांठ के चलते केस की विवेचना शुरुआती दौर में ही सही ढंग से नहीं चली, लेकिन जब एसपी ने अपना चाबुक चलाया और चर्चित सिपाही से गोराबाजार से हटा दिया तब जाकर विवेचना में दम आना शुरू हुआ। सूत्र बताते हैं कि जिन दो अज्ञात लोगों का जिक्र मुकदमे में है वह सभी ब्लॉक प्रमुख आशीष यादव के खास बताए जा रहे हैं।वीडीओ अटैक केस में बरवां चोचकपुर के ग्राम प्रधान छांगुर यादव की भी गिरफ्तारी हुई थी। घटना के कुछ ही दिन बाद क्राइम ब्रांच व शहर कोतवाली पुलिस ने दबिश डालकर छांगुर को पकड़ लिया था। बाद में संगीन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था। हाल ही में ग्राम प्रधान ने जमानत के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था जिस पर सुनवाई के बाद अदालत ने प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया। अब ग्राम प्रधान को जमानत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। जिस की तैयारी में उसके परिवार के लोग जुट गए हैं। आइए जानते हैं पूरा प्रकरण क्या है ? करण्डा विकासखंड में वीडीओ (ग्राम विकास अधिकारी) के पद पर कार्यरत राजनाथ पाल पर बीते 11 फरवरी को जानलेवा हमला हुआ था। पीड़ित द्वारा डीएम व एसपी को दी गई तहरीर के आधार पर शाम करीब 7:30 बजे नगर के पुलिस लाइन इलाके में स्थित ब्रह्मा स्थान कॉलोनी में वह अपने मकान पर मौजूद था। इस दौरान राहुल यादव, रामकिशोर यादव व कुछ अन्य लोग फोन करके उसे घर से बुलाए। जब उसने घर से बाहर आने से इंकार कर दिया तो ब्लाक प्रमुख करण्डा की सफारी गाड़ी लेकर उसके घर पर पहुंच गए और जबरिया उसे गाड़ी में बैठाकर ले गए। रास्ते में कुछ लोगों ने वीडीओ को बेरहमी से मारा पीटा और ब्लॉक पर मनमाफिक काम ना करने पर जान से मारने की धमकी भी दी थी।साभार-डीएनए