Ghazipur news:प्रदेश के 73 फिडरों से विद्युत आपूर्ति बाधित

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गाजीपुर-विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के अह्वान पर 16 मार्च 2023 की रात्रि 10:00 से उत्तर प्रदेश के विद्युत कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों/पूर्व मे हुए समझौतों को लागू कराने को लेकर 72 घंटों का कार्य बहिष्कार कर रहे हैं।दूसरी तरफ प्रशासन भी इनके कार्य बहिष्कार को विफल करने के लिए जीतोड प्रयास कर रहा है।प्रदेश के विभिन्न विद्युत आपूर्ति करने वाले पावर हाउसों की सुरक्षा हेतू पुलिस की भारी संख्या मुस्तैद है।विद्युत उप केन्द्रों पर तैनात संविदा कर्मियों की आपूर्ति करता ठेकेदार को कडी चेतावनी के साथ सम्पूर्ण सहयोग करने का आदेश लखनऊ से लगायत जिला मुख्यालयों दे दिया गया है। अन्य सिविल कर्मचारी भी जिलाधिकारी के आदेश पर निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए सचेत हैं।दूसरी तरफ यूपी तक की खबर के अनुसार प्रदेश में विद्युत आपूर्ति करने वाले 73 फिड़रों से विद्युत आपूर्ति बाधित है।लगता है जैसे-जैसे विद्युत कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार की अवधि बढ़ती जाएगी वैसे-वैसे आपूर्ति व्यवस्था के बदहाल होने की काफी आशंका है।उत्तर प्रदेश मे लगभग 1 लाख विद्युत कर्मचारी कार्य बहिस्कार मे भाग ले रहे है।इन कर्मचारियों की मांग है कि 23 दिसंबर 2022 को हुए समझौते को तत्काल लागू किया जाये।पूर्व मे उर्जा मंत्री ने समझौता को लागू करने के लिए मात्र 15 दिन का समय माँगा था। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने आंदोलनकारियों को स्पष्ट कर दिया है कि विद्युत आपूर्ति में व्यवधान उत्पन्न करने व आमजन को परेशानी पैदा करने वाले या कानून हाथ में लेने वालों से अब सरकार सख्ती से निपटेगी।उन्होंने फिर कार्य बहिष्कार व हड़ताल का मार्ग छोड़ने की अपील भी की। शर्मा ने कहा कि दिसंबर 2022 में हुए समझौते पर काफी कुछ कार्य किया जा चुका है। इसमें कर्मचारियों की एसीपी के लिए अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन, कैशलेस इलाज की व्यवस्था का अनुमोदन, कर्मचारियों को 1 वर्ष का बोनस, पिछली बिजली हड़ताल में शामिल कर्मचारियों पर प्रस्तावित कार्यवाही रद्द करने जैसे आदि कई मामले शामिल हैं। शर्मा ने कहा कि रोज रोज नए मुद्दे उठाना भी ठीक नहीं है।उन्होंने कहा कि कुछ गिने-चुने संगठनों द्वारा हड़ताल व कार्य बहिष्कार की बात करना राजनीति से प्रेरित है।दूसरी तरफ पावर ऑफिसर एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल अवधेश शर्मा के नेतृत्व में ऊर्जा मंत्री से भेंट कर यह आश्वासन दिया की उनका संगठन हड़ताल में शामिल नहीं है। प्रदेश में विद्युत व्यवस्था को सुचारू रखने में सहयोग देने का आश्वासन दिया। दूसरी तरफ प्रदेश के 18 संगठनों ने विद्युत कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार का समर्थन किया है।प्रदेश में कई जनपदों से हड़ताली विद्युत संविदा/ निविदा कर्मियों के सेवा समाप्ति की भी सूचना प्राप्त हो रही है।

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