Ghazipur news:सीवर लाइन की जाँच क्या अंतिम परिणाम तक पंहुचेगी?

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गाजीपुर-सीवर लाइन के जिस कार्य को लेकर वर्षों से शहरवासी तमाम मुस्किल हालातों को झेल रहे हैं। अंततः उस सीवर लाइन के निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार और घटिया सामग्री के प्रयोग का आरोप लगाते हुए एमएलसी विशाल सिंह चंचल के कहने पर जिलाधिकारी गाजीपुर आर्यका अखौरी ने तीन सदस्यों की एक जांच टीम का गठन कर दिया है। इस जांच टीम में अधिशासी अधिकारी जल निगम,लोक निर्माण व अधिशासी अभियंता नगर पालिका परिषद के सदस्य हैं।इस जांच टीम ने आज मोहम्मदाबाद की पूर्व विधायक अलका राय के आवस से लेकर अपना बाजार तक डाले गए सीवर लाइन की खुदाई कर गुणवत्ता की जांच की। जांच के बाबत मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए एमएलसी विशाल सिंह चंचल ने कहा कि शहर के लोगों के द्वारा सीवर लाइन के निर्माण कार्य में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण सामग्री के प्रयोग की शिकायत उनसे की जा रही थी जिसके बाद उन्होंने जिलाधिकारी से सीवर लाइन डाले जाने की जांच का अनुरोध किया था। दूसरी तरफ नगर पालिका परिषद के चेयरमैन पद के भावी प्रत्याशी विवेक सिंह शम्मी ने सीवर लाइन के निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप मीडिया के माध्यम से 15 दिन पूर्व ही लगाया था। यहां आपको बता देना आवश्यक है कि सीवर लाइन के निर्माण कार्य की लागत लगभग 200 करोड़ है। इसका निर्माण कार्य कराने वाली संस्था जल निगम-2 है। वैसे तमाम लोगों का कहना है कि जल निगम तो मुखौटे है पीछे असली निर्माण कार्य करने वाली फर्म कोई और है।असली फर्म का नाम लेने के लिए जल निगम का या निर्माण कार्य में लगे मजदूर से लेकर सुपरवाइजर तक कोई तैयार नहीं है। यह जांच अपने मुकाम तक पहुंचेगी या फिर ठंडे बस्ते में डाल दी जाएगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन तमाम जानकार लोगों ने बताया इससे पहले भी तमाम अधिकारियों ने इसके निर्माण कार्य को लेकर पहले तो कड़े तेवर दिखाए फिर न जाने क्यों बाद में क्यों ढीले पड़ गए।कई बार मिडिया ने भी मामले को हाईलाइट किया लेकिन परिणाम शून्य ही रहा।आगे क्या होगा यह तो समय ही बताएगा बस शहर वासी तमाशा देखे।

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