गाजीपुर-विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के आवाहन पर प्रदेश के लगभग सभी विद्युत कर्मचारियों ने गुरुवार की रात्रि 10:00 बजे से 72 घंटे की हड़ताल पर प्रशासनिक अमले को समस्त पावर हाउसओं का चार्ज हैंड ओवर कर के कार्य बहिष्कार पर चले गए हैं। जहां एक तरफ विद्युत कर्मचारी पूर्व में हुए समझौतों को लागू कराने को लेकर अडे हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ शासन-प्रशासन भी इनके कार्य बहिष्कार को विफल करने पर तुला बैठा है। इस संदर्भ में उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने प्रदेश के विद्युत कर्मचारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि प्रदेश की विद्युत व्यवस्था बाधित होती है तो ऐसे हड़ताली कर्मचारियों पर एस्मा के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।संविदा अथवा निविदा कर्मचारी कार्य बहिष्कार पर जाते हैं तो उनके अनुपस्थिति के तिथि से उनकी सेवा को समाप्त समझा जाएगा।यदि विद्युत कर्मचारियों को कार्य की आवश्यकता नहीं है तो राज्य सरकार को भी विद्युत कर्मचारियों की कोई आवश्यकता नहीं है।जनपद के कद्दावर समाजवादी नेता व जमानियां विधायक ओमप्रकाश सिह ने हड़ताली विद्युत कर्मचारियों का समर्थन किया है।विद्युत व्यवस्था को सुचारू रुप से बनाये रखने के लिए जनपद गाजीपुर की जिलाधिकारी आर्यका अखौरी और पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने प्रशासनिक अमलों के साथ विभिन्न पावर हाउसओं का दौरा शुरू किया है।अधिकारी द्वय ने मातहतों को निर्देश दिया है कि किसी भी हालात में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था बिगड़नी नहीं चाहिए। अधिशासी अभियंता हेमंत सिंह ने बताया कि हमारी मांग है कि पुरानी पेंशन बहाल किया जाए, विभाग मे वर्षों से कार्यरत निविदा कर्मियों को नियमित किया जाए, इनके ईपीएफ घोटाले की जांच हो, जानबूझकर अधिकारियों का शोषण बंद हो और जनता को सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराई जाए।उन्होंने आगे कहा कि अगर प्रबंधन अपनी हठधर्मिता पर अडा रहा तो 20 वर्षों के बाद प्रदेश में विद्युत कर्मियों की सबसे बड़ी हड़ताल होने जा रही है. विद्युत कर्मचारी समझौता लागू कराने के लिए हम अपने कार्य बहिष्कार के निर्णय से नहीं पीछे हटेंगे चाहे भले हमें इसके लिए जेल भरो आंदोलन भी शुरू करना पड़ेगा तो भी हम करेंगे।
