Ghazipur news:जनपद का चर्चित स्ट्रीट लाइट घोटाला

गाजीपुर-जिला पंचायत मे हुए हाई प्रोफाइल स्ट्रीट लाइट घोटाले की जांच में हर रोज एक नया मोड़ आ रहा है। विभागीय सूत्रों के अनुसार जांच में शामिल 4 सदस्यों की टीम में से दो ने अपनी रिपोर्ट एडीएम फाइनेंस को सौंप दिया है। इस रिपोर्ट में क्या अंकित किया गया है यह तो नहीं पता चल पा रहा है लेकिन सूत्र यह बता रहे हैं कि रिपोर्ट में ज्यादातर निगेटिव प्वाइंट ही दर्शाए गए हैं। कुल मिलाकर जांच अब धीरे-धीरे अपने रंग में आ रही है। जांच के लिए गठित पूरी कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद ही उच्च अधिकारी फाइनल डिसीजन ले पाएंगे। विभागीय सूत्रों के मुताबिक जिन जिन ग्राम सभाओं में जांच कमेटी के लोग पहुंचे वहां गड़बड़ी ही गड़बड़ी पाई गई।अब सवाल यह उठता है कि जांच में मिली गड़बड़ी को 4 सदस्य टीम उजागर करती है या फिर से ठंडे बस्ते में डाल देती है।हालांकि इस मामले को लेकर डीएम आर्यका अखौरी काफी संजीदा है। उन्होंने जांच में स्पष्ट रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।

इन विभागों की बनाई गई है टीम- स्ट्रीट लाइट घोटाले में डीएम के निर्देश पर एवं फाइनेंस एके सिंह ने पीडब्ल्यूडी समेत नेडा व दो अन्य विभागों के एक-एक अधिकारी को जांच टीम में शामिल किया है।सूत्र बताते हैं कि एडीएम ने टीम में शामिल अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वह मौके पर जाएं और जो भी सत्य पाए उसे ही अपनी रिपोर्ट में अंकित करें, ताकि निष्पक्ष रुप से पूरे प्रकरण की रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेजी जा सके।जांच की रोज हो रही है मानिटरिंग- विभागीय सूत्र बता रहे हैं कि इस जांच को लेकर एडीएम फाइनेंस काफी गंभीर हैं ।जांच में ऐसी कोई चूक ना होने पाए जिससे गर्दन फंसे। इसे ध्यान में रखते हुए एडीएम फाइनेंस पूरी जांच की मानिटरिंग रोजाना ही कर रहे हैं।जांच की सत्यता को खुद एडीएम क्रास चेक भी कर रहे हैं।

जांच कमेटी के सदस्यों पर बनाया जा रहा दबाव-सूत्र बता रहे हैं कि घोटाले की जांच में जो टीम गठित की गई है। उस टीम के सदस्यों पर जांच में हेरफेर करने का भी दबाव बनाया जा रहा है। हालांकि टीम पर अभी दबाव हावी नहीं हुआ है। सूत्रों के मुताबिक टीम के लोग इस जांच को लेकर काफी गंभीर हैं, क्योंकि डीएम समय-समय पर जांच की फीडबैक खुद ले रही हैं।सही से हो गई जांच तो फस जाएगी कईयों की गर्दन-सभी जानते हैं कि जिला पंचायत विभाग मे स्ट्रीट लाइट घोटाले का मामला अपने चरम पर है। विभाग से जुड़े सूत्र ही बता रहे हैं कि यदि सही ढंग से इस मामले में जांच हो और बिल्कुल सही रिपोर्ट तैयार की जाए तो विभाग के कई अधिकारी व कर्मचारियों समेत कार्यदाई प्राइवेट संस्थाओं के लोगों की गर्दन फसना तय है। इस संदर्भ में एडीएम फाइनेंस अरुण कुमार सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मामला विभागीय है इसलिए जांच में हर एक बिंदु को गंभीरता से लिया जा रहा है।जांच चल रही है हां यह सही है कि जांच का कुछ-कुछ नतीजा स्पष्ट होने लगा है, लेकिन इसे मीडिया के समक्ष उजागर नहीं किया जा सकता है। जांच की फाइनल रिपोर्ट के बारे में मैं कुछ नहीं बता सकता हूं क्योंकि वह रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी और वह लोग उसे शासन स्तर तक पहुंचाएंगे अभी मैं इस मामले में कुछ नहीं बता सकता हूं।साभार-डीएनए