Ghazipur news:ब्लैकमेलर पत्रकार और कामचोर सफाईकर्मी

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गाजीपुर- कामचोर ग्रामीण सफाई कर्मी ब्लैकमेलर पत्रकारों के सबसे अच्छे और साफ्ट टारगेट है। कामचोर ग्रामीण सफाई कर्मी बिना अपनी ड्यूटी निभाये वेतन उतारते हैं, जबकि ऐसा नहीं है कि सभी ग्रामीण सफाई कर्मी कामचोर है। कुछ सफाई कर्मी अपने कार्य को ईमानदारी से निभाते हैं, लेकिन दूसरी तरफ कामचोर ग्रामीण सफाई कर्मी बिना अपनी नियुक्ति स्थल पर गए ही हर माह वेतन भुगतान प्राप्त कर लेते हैं। ऐसे कामचोर सफाई कर्मियों को ग्राम प्रधानों, संबंधित विकास खंड कार्यालय के कर्मचारियों का वरदहस्त प्राप्त होता है। कुछ सफाई कर्मचारी तो धन लोलुप ग्राम प्रधानों को सीधे-सीधे अपने वेतन में से महीना देना तय कर लेते हैं और प्रधान जी उनको काम पर आने से मुक्त कर देते हैं। दूसरी तरफ ब्लैकमेलर पत्रकार ऐसे सफाई कर्मियों को अपने निशाने पर लेते हैं संबंधित ग्राम सभाओं में जाते हैं और वीडियो बनाते हैं फिर वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उन से अवैध वसूली करते हैं। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि गलत कौन है और सही कौन है इसका निर्णय हम पाठकों पर ही छोड़ देता हूं,लेकिन मेरे हिसाब से तो दोनो ही गलत है। क्योंकि पत्रकार का काम है भ्रष्टाचार को उजागर करना न कि भ्रष्टाचारी के भ्रष्टाचार को उजागर करने का भय दिखाकर पैसा कमाना।ऐसे मे पत्रकारों की भी चांदी है और कामचोर सफाई कर्मियों की भी चांदी है।कुछ सफाई कर्मचारी साहबों के बंगलों,आफिसों मे अपनी सेवा देकर काफी खुश है तो साहब लोगों के यहां भी चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का अभाव है क्योंकि विगत कई वर्षों से चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की भर्ती नहीं हुई है और साहब को भी अपनी साहिबी बीबी,बच्चों और आफिसर्स कालोनी मे दिखाना है।

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