Ghazipur news क्यों आक्रोशित है जखनियां तहसील के लोग

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गाजीपुर-जिले के जखनिया तहसील अंतर्गत लगभग 7 वर्षों से सर के गड्ढे में तब्दील हो चुकी हैं।
जखनिया कि त्रस्त जनता समाजसेवियों जनता के प्रतिनिधियों से कहते कहते अब चुकी है ।
लेकिन आज तक इसकी कोई सुनवाई नहीं हुई ।
जिला अधिकारी आर्यका अखौरी ने जखनिया की सड़कों का संज्ञान लिया तो गड्ढा मुक्त सड़क बनने लगी ।
लेकिन ठेकेदारों के द्वारा ऐसा घटिया काम किया जा रहा है जिससे यह सड़क 3 महीने अगर चल जाए तो यह भी मुश्किल है।
जखनिया तहसील से लेकर ब्लॉक तक जखनिया जखनिया ब्लॉक के प्रधानों द्वारा कंकड़ पत्थर गिरा कर गड्ढा मुक्त किया गया ।
जब यह खबर प्रकाशित हुई थी पीडब्ल्यूडी के द्वारा कोई कार्य नहीं कराया जा रहा है ।
यह जखनियां ब्लाक के प्रधानों द्वारा किया जा रहा है ।
पीडब्ल्यूडी को आईना दिखाने जैसी बात समझ में आई ।
तब आनन-फानन में पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने एक ट्रक गिट्टी लाकर उस पर बिछाना शुरू कर दिया ।
तब जखनिया के लोगों में यह एक उम्मीद से जाग गई कि अब पीडब्ल्यूडी जखनिया से सड़कों को दुरुस्त कर देगी लेकिन गिट्टी बिछाकर फिर पीडब्ल्यूडी के अधिकारी गायब हो गए ।
इसी बीच जिलाधिकारी भदोही आर्यका अखौरी गाजीपुर की डीएम बनी ।
जिला अधिकारी आर्यका अखौरी ने जिले की सड़कों पर ध्यान दिया और गड्ढा मुक्त करने का निर्देश दे डाला।
जखनिया के जनता में एक नई उम्मीद जागी लेकिन पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने घटिया तरीका से सड़कों को गड्ढा मुक्त करने लगे।
इसे देख जखनिया के जनता की उम्मीदों पर पानी फिरने लगा।
एक उम्मीद बनकर आई हुई थी।
लेकिन डीएम आर्यका आख़ौरी हमसे भी जनता की उम्मीद टूट गई ।
अब राम भरोसे जखनिया की सड़कें पड़ी हुई हैं।
जहां पर तहसील हो कोतवाली हो दीवानी हो स्टेशन हो सरकारी सीएससी केंद्र हो ब्लॉक हो।
वहां की सड़कें तहसील से 10 किलोमीटर चारों तरफ गड्ढे में तब्दील हो तो जनता क्या उम्मीद करेगी

साथ क्षेत्र के पत्रकार बंधुओं से निवेदन है कि मनिहारी फद्दुपुर संपर्क मार्ग के लिए एक बढ़िया समाचार बनाकर उसको अपने समाचार पत्र या पोर्टल में लगाएं ताकि सड़क की मरम्मत अच्छे से हो सके फिलहाल जो सड़क की मरम्मत हो रही है वह बहुत ही घटिया किस्म की हो रही है और यह मरम्मत मुश्किल से 3 महीने भी चल जाए तो बहुत है।
यह जान सामान्य का मुद्दा है इसके लिए पत्रकार बंधुओं को आगे आना चाहिए अगर पत्रकार बंधु आगे नहीं आ रहे हैं तो फिर यह क्षेत्र का दुर्भाग्य होगा।
नीरज सिंह ‘अजेय’

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