Ghazipur news पुलिस के राडार पर करण्डा प्रमुख

गाजीपुर-अपराध जगत से चोली दामन का साथ रखने वाले करंडा ब्लाक प्रमुख आशीष यादव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। अपने जीजा स्वर्गीय अमरनाथ यादव के माध्यम से करोड़ों की संपत्ति बनाने वाले रामध्यान यादव और रामज्ञान यादव के खिलाफ हुई कुर्की की कार्यवाही के बाद अब उनके भांजे यानी आशीष यादव पर प्रशासन की शामत आने वाली है। सूत्र बताते हैं कि ब्लाक प्रमुख करंडा को सबक सिखाने के लिए पुलिस प्रशासन ने अपनी कमर कस लिया है।उसकी कई अचल संपत्तियों का पूरा विवरण जुटाया जा रहा है.जल्द ही उसके और करीबी भी प्रशासन की कार्यवाही के जद में आने वाले हैं। बताते चलें कि आशीष यादव काफी कम उम्र में ही इतना शातिर हो गया है कि वह अपने मरहूम पिता से भी दो कदम आगे चल रहा है। तस्करी से लेकर कई अन्य अवैध धंधों में आशीष की संलिप्तता पुलिस ने उजागर कर दी है। पुलिस का अगला नंबर गैंगस्टर एक्ट के तहत आशीष की अचल संपत्ति को कुर्क करना है। हालाकी शातिर माइंड वाले आशीष ने इस कार्यवाही से बचने के लिए पहले से ही ताना-बाना बुन रखा है। लेकिन प्रशासनिक सूत्र बताते हैं कि कुर्की की कार्रवाई से अब उसे कोई नहीं बचा सकता।सूत्रों के अनुसार अपने दोनों मामा ओं के खिलाफ हुई कुर्की के कार्यवाही के बाद ब्लाक प्रमुख पूरी तरह से अलर्टहो गया है। उसने कोर्ट का चक्कर लगाना शुरू कर दिया है। अब देखना यह है कि पुलिस प्रशासन आशीष पर हावी होता है या फिर आशीष पुलिस पर हावी हो जाता है।पूर्व हुए करण्डा बीडीओ पर हमले के मामले में भी आशीष पुलिस को गच्चा देकर कोर्ट के माध्यम से अंतरिम जमानत ले चुका है।हालांकि इसमें करण्डा और कोतवाली पुलिस की भूमिका संदिग्ध रही है।सूत्र बताते हैं कि दोनों अपने मामा की केवल 3 करोड़ 45 लाख की भू संपत्ति कुर्क होने के बाद आशीष पूरी तरह से हो अलर्ट गया है। मुसीबत के वक्त उसका साथ देने के लिए उसका करीब डा०विजय यादव भी नहीं है जो कि 3 दिन पूर्व आयुष भर्ती घोटाले के मामले में एसटीएफ ने उसे दबोच कर जेल भेज दिया है। आशीष के करीबियों में अब जिले का एक गैर सत्ताधारी विधायक और सादात ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि संतोष यादव ही बचे हैं। हालांकि यह दोनों वर्तमान में उसकी मदद करने की स्थिति में नहीं दिख रहे हैं। फिर भी मददगारों की लिस्ट में इनका नाम सुर्खियों में छाया हुआ है।बताते चले कि प्रमुख प्रतिनिधि संतोष यादव पर पूर्व में जिले के कुख्यात अपराधी अवधू यादव को शरण देना देने का ठप्पा लग चुका है।बताते चलें की भुड़कुड़ा कोतवाली क्षेत्र के मंझरिया गांव निवासी कुख्यात अपराधी लंबे समय तक पुलिस को गच्चा देकर फरार चल रहा था। वर्ष 2013-14 के मध्य तत्कालीन एसओजी प्रभारी ने अपनी टीम के साथ अवधू को पकडऩे के लिए संतोष यादव के पैतृक गांव सलेमपुर बधाई में छापा मारा था। जहां बदमाशों की ओर से चली गोली से एसओजी का सिपाही धर्मेंद्र यादव गंभीर रूप से घायल हो गया था। उस समय भी अवधू यादव को शरण देने में संतोष यादव का नाम प्रकाश में आया था। बताते चलें कि वर्तमान में अवधू यादव जौनपुर जेल में निरूद्ध है।महरूम अमरनाथ यादव के पुराने नेटवर्क को खंगालने के बाद चौका देने वाला मामला प्रकाश में आया है। सूत्र बताते हैं कि अमरनाथ यादव की काली कमाई एक बहुत बड़े हिस्सा से डा०विजय यादव ने अपना एंपायर खड़ा करने में लगाया था। शिक्षा जगत से जुड़े सभी काम में अमरनाथ ने विजय की आर्थिक मदद की थी। अब अमरनाथ यादव की हत्या हो गई तो विजय यादव उसके काले धन के कर्ज से मुक्त हो गया लेकिन उसने अमरनाथ के परिवार की हर संभव मदद करने का निर्णय लिया।इसी के एवज में अमरनाथ के बेटे आशीष यादव का बैक सपोर्ट करता रहा है। भाजपा में प्रदेश कोषाध्यक्ष का पद पाने के बाद उसने अपने नेटवर्क से सदात प्रमुख प्रतिनिधि संतोष यादव को भी जोड़ लिया था। वर्ष 2015 में शहर कोतवाली और वर्ष 2022 में करंडा पुलिस को चकमा देने वाला आशीष यादव काफी दिनों तक विजय यादव व संतोष यादव के संरक्षण में ही रहा।दोनों ने उसे पुलिस प्रशासन के कोप से बचाने का वायदा किया था लेकिन “बकरे की अम्मा कब तक खैर ” उधर विजय यादव जेल गया और इधर संतोष यादव भी भाजपा में काफी कमजोर हो गये। ऐसी स्थिति में करण्डा प्रमुख की मदद कौन करेगा ? यह सवाल सभी के जेहन में कौंध रहा है। सूत्र बताते हैं कि विजय और संतोष ने जिले के कई भाजपा नेताओं व उनके करीबियों से जान पहचान भी कराई थी। इसमें से कुछ भाजपा नेता तो ऐसे भी हैं जो हमेशा राजनीतिक कार्यक्रमों को लेकर समाचार पत्रों की सुर्खियों में बने रहते हैं ।पुलिस अधीक्षक ओमवीरसिंह ने बताया कि करण्डा प्रमुख की सभी अवैध संपत्तियों की जांच करने के लिए जांच एजेंसियों को लगा दिया गया है। भू राजस्व विभाग से संपत्ति का ब्यौरा मांगा गया है। रिपोर्ट मिलने में अभी कुछ समय लगेगा लेकिन कार्यवाही हर हाल में होना तय है।साभार; डेली न्यूज एक्टिविस्ट