गाजीपुर- जनपद के सैदपुर ब्लाक स्थित पटना गांव के गंगा घाट पर वन विभाग डॉल्फिन प्वाइंट बनने जा रहा है। प्रभागीय वन विभाग के अपर निदेशक विवेक कुमार यादव और वन रेंजर सैदपुर कुलदीप सिंह ने पटना स्थित गंगा घाटों का निरीक्षण किया। दर्जनों गांगेय डॉल्फिन की अठखेलियां देख वन अधिकारियों को गाजीपुर जिले के पटना गांव में पहला डॉल्फिन प्वाइंट बनाने की उम्मीद जगी। जल्द ही जिलाधिकारी के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय टीम इन घाटों का निरीक्षण कर डॉल्फिन प्वाइंट बनाने की प्रक्रिया शुरू कर देगी। गंगा प्रहरी रविकांत निषाद की सूचना पर वन अधिकारियों ने पटना सादिभादी और औड़िहार के घाटों का जलीय सर्वे किया। इस दौरान गंगा की लहरों पर दर्जनों की संख्या में डॉल्फिन उछल कूद करतीं रहीं। पानी में डॉल्फिन मछली और नदी के उपर असंख्य साइबेरियन पंक्षियों को देख वन अधिकारियों में कौतूहल बना रहा। वन रेंजर कुलदीप सिंह ने बताया कि पटना के आसपास जनपद के पहला डॉल्फिन सेंटर बनाये जाने की तैयारी शुरू किया जाएगा। डॉल्फिन मछलियों को यहां का शांत और सुरम्य वातावरण बहुत पसंद आ रहा है। शांतप्रिय और प्रदूषण मुक्त स्थलों पर प्रवास करने वाली डॉल्फिन मछलियों के लिए जल्द ही यहां पचास फीट ऊंचे निगरानी टॉवर का निर्माण किया जाएगा। डॉल्फिन प्वाइंट बनाये जाने के क्रम में पटना में एक वन विभाग की चौकी स्थापित कर पुलिसकर्मियों की सतत निगरानी रखी जायेगी। इस क्षेत्र को प्रतिबंधित एरिया घोषित कर यहां स्टीमर शोरगुल करने वाले जलीय वाहनों सहित जल प्रदूषण मुक्त वातावरण बनाने का पूरा प्रयास किया जाएगा। डॉल्फिन मछलियां पहले पांच सौ मीटर के दायरे में रुकती है मौसम और माहौल अनुकूल पाते ही तीन से पांच किमी के दायरे में डॉल्फिन अपना डेरा जमा लेतीं है। स्थानीय भाषा में गंगा सूंस कहे जाने वाले डॉल्फिन की चौबीस घंटे निगरानी के लिए रात्रिकालीन टॉर्च के साथ स्टीमर का प्रबंध भी किया जाएगा। पटना निवासी मनीष निषाद, बंशराज नागर, भीम मांझी, दीपक निषाद ने डॉल्फिन प्वाइंट बनाये जाने का स्वागत किया है।
