Ghazipur news : हाईकोर्ट से शिक्षक नेताओं को मिली अल्प राहत

328

गाजीपुर-4 मांह के अंदर पुलिस द्वारा लगाये गये चार्ज का पुन:परीक्षण करने के लिये जिला न्यायालय को आदेशित किया।परीक्षण के दौरान कोई कार्यवाही नहीं की जायेगी।
अगर अब जिला न्यायालय केस डिस्चार्ज करेगा तो केस खत्म।

ज्ञातव्य हो कि तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी मरदह डा कल्पना , जिनके निजी चालक द्वारा उनके कार्यालय परिसर में स्थित कंपोजिट विद्यालय मरदह,गाजीपुर में उनके द्वारा अवैध तरीके से बनाये गये आरामग्रह में 8 अक्टूबर 2021 को एक नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म किया था, जिसका कुछ लोगों ने विडियो बनाकर वायरल कर दिया। तत्पश्चात 9 अक्टूबर 2021 को पुलिस द्वारा उक्त चालक को देशी कट्टे के साथ गिरफ्तार कर लिया गया और हाल ही में पाक्सो न्यायालय गाजीपुर द्वारा उसे 20 साल की सजा भी हो चुकी है। उक्त घटना विद्यालय में छुट्टी होने के पश्चात घटित हुयी थी लेकिन बी एस ए गाजीपुर द्वारा उक्त घटना की जांच हेतु गठित त्रिस्तरीय खंड शिक्षा अधिकारियों की कमेटी ने अपने संवर्ग के अधिकारी को बचाने के लिये पूरी ताकत झोंक दी और जांच कमेटी की रिपोर्ट पर कल्पना को निर्दोष बताते हुये उक्त विद्यालय कंपोजिट विद्यालय मरदह के प्रधानाध्यापिका श्रीमती सत्यवती , सहायक अध्यापक राजेश भारती को निलंबित करते हुवे वहां कार्यरत सभी शिक्षकों, शिक्षा मित्रों व परिचारक पर कार्यवाही करते हुवे वार्षिक वेतन वृद्धि अवरूद्ध कर दिया। हालांकि बी एस ए गाजीपुर द्वारा उसी दौरान उच्चाधिकारियों को कल्पना के भी दोषी होने के संदर्भ में पत्र प्रेषित कर दिया गया था। एकतरफा सिर्फ शिक्षकों पर हुयी कार्यवाही से शिक्षक नेता अनंत सिंह व दुर्गेश सिंह ने विरोध किया और तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी डा कल्पना पर भी कार्यवाही की मांग किया। शिक्षक नेताओं का कहना यह था कि उक्त चालक वाह्य व्यक्ति की विद्यालय परिसर में उपस्थिति की जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारी की है और उक्त चालक द्वारा पिछले कई महीनों से विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान छात्र छात्राओं की फोटोग्राफी किया जाता रहा। यहां तक कि वह शिक्षकों से धन उगाही भी करता रहा। डा कल्पना की लापरवाही न गैर जिम्मेदाराना रवैये से ही यह घटना घटित हुयी। 8 अक्टूबर 2021 को जिस दिन यह घटना घटित हुयी उस दिन उनके द्वारा विद्यालयों का निरीक्षण करने के पश्चात उसको अपने कार्यालय परिसर में छोड़कर बाहर चली गयीं। एकतरफा शिक्षकों पर कार्यवाही का शिक्षक नेताओं ने विरोध किया।तब डा कल्पना द्वारा अपने जाति व लिंग एस सी -एस टी/ महिला को आधार बनाकर दोनों शिक्षक नेताओं पर मनगढ़ंत आरोप लगाकर एस सी -एस टी वी महिला उत्पीड़न के आरोप में मरदह थाना क्षेत्र में मुकदमा पंजीकृत करवा दिया।
तत्पश्चात अनंत सिंह द्वारा माननीय मुख्यमंत्री उ प्र सरकार व मां उच्च न्यायालय में अपील की गयी और मा उच्च न्यायालय द्वारा डा कल्पना व पुलिस द्वारा लगाये गये आरोपों की जांच का परीक्षण करने हेतु जिला न्यायालय को आदेशित किया। परीक्षण के दौरान न्यायालय द्वारा कोई कार्यवाही न किये जाने का भी आदेश दिया गया।
मुख्यमंत्री कार्यालय के आदेश के पश्चात उक्त प्रकरण की जांच करते हुवे तत्कालीन जिलाधिकारी श्री मंगला प्रसाद सिंह द्वारा डा कल्पना को दोषी पाया गया और उनको तत्काल गाजीपुर जनपद से हटाये जाने की संस्तुति भी की गयी थी।उक्त क्रम में शासन द्वारा डा कल्पना पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुवे दूसरे जनपद आजमगढ़ स्थानांतरित कर दिया गया।
उधर दुष्कर्म पीड़िता के पिता द्वारा भी रेप की घटना में लीपापोती करते हुवे कल्पना को बचाये जाने का आरोप लगाते हुते मां उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया। उसका कहना है कि यह घटना उनके सह व संरक्षण के कारण ही हुआ है। उनको 120 बी में नामजद किया जाय। उक्त मामले में अभी मां उच्च न्यायालय में मामला विचाराधीन है जिसकी सुनवायी 22 दिसंबर को होनी है।
उधर विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ है का डा कल्पना द्वारा आजमगढ़ जनपद में भी एक शिक्षक दिलराज यादव पूर्व माध्यमिक विद्यालय पल्हना द्वारा वेतन की मांग करने पर उसके ऊपर भी एस सी एस टी के तहत मुकदमा लिखवाने कि तहरीर दी जा चुकी है ,ताकि शिक्षकों को भयग्रस्त किया जा सके।जिसकी जांच थाना- देवगांव पुलिस द्वारा की जा रही है।

Play Store से हमारा App डाउनलोड करने के लिए नीचे क्लिक करें- Qries