Ghazipur news : मोबाईल से बिछुड़ना किसी दर्दनाक हादसे से कम नहीं

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गाजीपुर-उस समय वर्ष 2006-7 की बात रही होगी जब मेरे जीवन में मोबाइल महादेव का प्रवेश हुआ। वर्ष 2006-7 में मोबाइल कंपनियों के टावर बहुत कम हुआ करते थे। नेटवर्क के संपर्क में मोबाइल को लाने के लिए छतों पर चढना पड़ता था। खैर मेरे पास नोकिया कम्पनी का मोबाइल था और वोडाफोन महाराज का सिम लगा हुआ था। जीवन चलता रहा-चलता रहा समय बदला 2G की जगह से देश और दुनिया में 3G और 4G ने जगह ले लिया। 3G या 4G की वजह से लोगों ने स्मार्ट फोन लेना शुरू किया और लोगों ने धकाधक मैसेज करना, वीडियो देखना व दोस्तों, रिस्तेदारों को शेयर करना शुरु किया।मोबाइल महादेव का लोगों के हांथों मे आना कई उद्योग धंधों की छुट्टी कर गया।जैसे उस समय, समय देखने के लिए लोगों की हांथों घडी हुआ करती थी लेकिन आज सायद ही किसी के कलाई पर घड़ी हो, लेकिन आज समय देखने के लिए लोग मोबाइल का ही उपयोग करते है। इससे घडी उद्योग लगभग बन्द हो गये।वैसे तो इस देश में आईटी/सूचना विज्ञान को लाने का श्रेय स्वर्गीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी को जाता है। जब उन्होंने देश में कंप्यूटर की बात की तो उस समय स्वर्गीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी जी सहित उनकी पार्टी तथा तमाम दलों सहित वामपंथी राजनीतिक दलों ने जमकर विरोध किया था। विरोध करने के पीछे उन्होंने तर्क यह दिया था कि जब इस देश में कंप्यूटर आ जाएगा और एक कंप्यूटर हजार आदमियों का काम करेगा तो इस देश में भयंकर बेरोजगारी छा जाएगी, लेकिन हुआ इसके विपरीत। सूचना तकनीकी के आने के बाद तमाम इससे जुड़े पाठ्यक्रम देश में आ गए और युवाओं ने आईटी का तकनीकी ज्ञान प्राप्त करके देश विदेश में भारतीयों के ज्ञान का झंडा फहराते हुए लाखों-करोड़ों के पैकेज पर नौकरी करने लगे हैं।आज हार्डवेयर के मामले मे चीन दुनिया मे नम्बर 1 है तो अपना भारत साफ्टवेयर के मामले मे नं०1 है।लेकिन हम बात कर रहे हैं अपने मोबाइल महादेव की समय बदला तो हमने भी स्मार्टफोन ले लिया। इत्तेफाक से एक हफ्ता पहले 17 जनवरी 2023 को हमारे मोबाइल महादेव का चेहरा/ स्क्रीनशॉट कर गई।मुझे ऐसा लगा इतनी बड़ी दुनिया में मैं तनहा हो गया हुँ,अकेला हो गया हूं।ब्याकुल मन से मैंने प्रातः 10:00 बजे के लगभग मनोज मास्टर को अपने दुशरे 2-G मोबाइल से फोन किया कि मेरे साथ रात मे यह भयंकर हादसा हुआ है। मनोज मास्टर अपने बीबी के हांथ की बनी चाय छोड़ कर पत्थर घाट से तत्काल रविन्द्रपुरी कालोनी आए और हम लोग मोबाइल महादेव के सर्जरी हेतू चिकित्सक /मकैनिक की तलाश मे निकल पडे।हमने अपने मोबाइल महादेव को और आधार कार्ड को अपने पाकेट मे सहेज कर ले रखा था। किसी मोबाइल की मरम्मत करने वाले की दुकान खोजने लगे। संयोग से बड़ा महादेव गेट के सामने एक रिपेयरिंग शॉप खुली दिखी। हम और मनोज मास्टर वहां पहुंचे तो हमने मैकेनिक महोदय से कहा कि हमारे मोबाइल महादेव का चेहरा जल गया है यानी स्कीन सार्ट कर गयी है, इन्हें बदलने का आप क्या लेंगे ? मकैनिक ने कहा कि ओरिजनल लगवाने का 15 सौ और लोकल लगाने का 1000 रूपये लगेंगे।मैंने अपने प्राण/ मोबाइल महादेव को रिपेयरिंग करने वाले महाशय को दिया और मनोज के साथ भगा- भगा मेराज की दुकान पर गया और आधार कार्ड दिया और अंगूठा लगाया और 2000 रूपये अपने बचत खाते से निकाल कर लाया और पंद्रह सौ रूपए मैंने मकैनिक महाशय को दिया। मैकेनिक महाशय ने शाम 4 बजे आने को बोला।शाम को पहुंचे तो मकैनिक द्वारा हमारे मोबाइल महादेव के चेहरे/स्किन को बदल दिया गया था।मै बहुत खुश हुआ और खुशी खुशी घर आया, लेकिन मात्र 24 घंटे की मोबाइल महादेव से बिछड़न ने मुझे कितना बेचैन कर दिया था बस पुछिये मत। आज के बच्चे मोबाइल को लेकर अपने मां-बाप को गोली क्यों मार देते हैं इसका एहसास मुझे इस 24 घंटे में बखूबी हो गया।वर्तमान समय मे मोबाईल का असर हम पर,हमारे बच्चों पर अफीम, चरस,हेरोइन के नशे से भी बढ़ कर हो गया है।समय-समय हमें खुद तथा अपने बच्चों को एक निर्धारित समय के लिए मोबाइल से दुरी बनने की बात अवश्य बताना व समझाना होगा। जैसे परिवार के मुखिया यह तय करें कि शनिवार की रात से लेकर सोमवार की सुबह तक परिवार के मुखिया सहित परिवार का हर सदस्य मोबाईल का उपयोग नहीं करेगा।यदि आपके परिवार में कोई मोबाईल का आशिक बच्चा है और आपके बार-बार मना करने के बाद भी सैतानी करता है तो उसे मात्र 24 घंटे के लिए स्मार्टफोन से दुर कर दिजिए संभवतः वह दो बार इस सजा का नाम सुनते ही सैतानी करना बन्द कर देगा।

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