गोरखपुर- उत्तराखंड के गढवाल मे सम्मानित राजपूत परिवार मे 5 जून 1974 को एक बालक का जन्म हुआ ,उस तेजस्वी बालक का नाम रखा गया अजय सिह । अजय सिह के योगी आदित्य नाथ बनने की कहानी भी काफी रोचक है। गढवाल विश्व विद्यालय से गणित से वी.एस.सी. करने के बाद अजय सिह ने गोरखपुर मे कदम रख्खा और गुरु गोरख नाथ पर शोध करने लगे। शोध के दौरान गोरक्ष पीठ के महन्थ अवैद्य नाथ की दृष्टि अजय सिह उर्फ योगी आदित्य नाथ पर पडी । महन्थ अवैद्य नाथ के सम्पर्क मे आने पर अजय सिंह का झुकाव आध्यात्म की तरफ हो गया। 22 वर्ष की अवस्था मे अजय सिंह संसारिक जीवन त्याग कर ,संन्यासी जीवन मे प्रवेश किया।
नाथपंथ के विश्वप्रसिध्द मठ श्री गोरक्षनाथ मंदिर के परिषर मे 15 – 2- 1994 को महन्थ अवैद्य नाथ ने योगी आदित्य नाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया। महन्थ अवैद्य नाथ के 1998 मे राजनीति से संन्यास लेने के बाद योगी आदित्य नाथ ,महन्थ अवैद्य नाथ के राजनीति उत्तराधिकारी बने। 26 वर्ष की आयु मे गोरखपुर से योगी आदित्य नाथ सांसद वने।
भाजपा योगी को यदि मुख्यमंत्री के रुप मे प्रमोट करती है तो मैच काफी रोमांचक हो जायेगा।
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