अधिवक्ताओं और थानाध्यक्ष मे क्यों हुई झड़प ?

गाजीपुर- कासिमाबाद उपजिलाधिकारी भगवानदीन की कथित कार्यप्रणाली से खफा अधिवक्ताओं ने लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को भी तहसील परिसर में धरना-प्रदर्शन किया। इधर, उपजिलाधिकारी ने पुलिस फोर्स बुलाकर बिना अधिवक्ताओं के ही जनता की उपस्थिति में मुकदमों की सुनवाई शुरू कर दी। फोर्स के साथ पहुंचे थानाध्यक्ष हिमेंद्र ¨सह के साथ अधिवक्ताओं से झड़प भी हुई। थानाध्यक्ष ने किसी तरह अधिवक्ताओं को समझाया। एसडीएम के रवैये से तहसील बार एसोसिएशन व सेंट्रल बार एसोसिएशन के अधिवक्ता नाराज हैं। इसके विरोध में लगातार तीसरे दिन तहसील परिसर में न्यायिक कार्यों से विरत रहकर अधिवक्ता धरना पर बैठ गए। लगातार अधिवक्ताओं के धरने पर होने से फरियादी इधर-उधर भटक रहे थे। दोपहर करीब 12 बजे फरियादी एसडीएम कार्यालय में पहुंचे। यह देख एसडीएम भगवानदीन अपने कार्यालय में फोर्स को बुला लिए। इसके बाद बिना अधिवक्ताओं के ही मुकदमों की सुनवाई कर दी। इसकी जानकारी होते अधिवक्ता बौखला गए और एसडीएम कार्यालय के पास पहुंच गए। मौके पर मौजूद थानाध्यक्ष हिमेंद्र ¨सह ने अधिवक्ताओं को रोक लिया। इसके बाद थानाध्यक्ष व अधिवक्ताओं से झड़प हुई। काफी समझाने के बाद अधिवक्ता शांत हुए। इस दौरान एसडीएम ने छह मामलों की सुनवाई की। अधिवक्ताओं का आरोप है कि उपजिलाधिकारी व तहसीलदार कार्यालय में बिना तारीख के ही कई मामलों का फैसला हो जा रहा है। कई फाइलें गायब हो जा रही हैं। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जब तक उपजिलाधिकारी का स्थानांतरण नहीं होगा तब तक कार्य बहिष्कार व धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा। वहीं उपजिलाधिकारी ने अधिवक्ताओं के सारे आरोप को बेबुनियाद बताया। कहा कि अब अधिवक्ताओं की मनमानी नहीं चलेगी। दबाव बनाने के लिए धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। बिना उनकी मौजूदगी में भी जनता का काम करते रहेंगे। धरना प्रदर्शन में अधिवक्ता संजय तिवारी, विनोद सिह, अजय श्रीवास्तव, कन्हैया यादव, मनोज कुमार, कमलेश यादव, देवानंद भारती, ओमप्रकाश श्रीवास्तव, जयप्रकाश यादव, योगेंद्र यादव, अश्वनी कुमार, रवि प्रकाश तिवारी आदि मौजूद थे। अध्यक्षता काशीनाथ यादव ने किया।

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