अन्ततः जिलाविद्यालय निरीक्षक को जाना पडा

गाजीपुर- अन्ततः डीआईओएस नरेंद्र देव पांडेय को आखिर बुधवार को कार्यमुक्त कर ही दिया गया। उनका चार्ज सह: जिला विद्यालय निरीक्षक शिवपूजन द्विवेदी को सौंपा गया है। यह कार्यवाही डीएम के बालाजी ने की। श्री दूबे का तबादला राज्यपाल के आदेश पर बीते 25 अप्रैल को हुआ था। उन्हें माध्यमिक शिक्षा परिषद के निदेशालय इलाहाबाद से अटैच किया गया है। पिछले साल चार जुलाई को श्री दूबे डीआईओएस का कार्यभार ग्रहण किए थे। उसके बाद से वह लगातार सुर्खियों में रहे। उनके व्यवहार से शिक्षक और विभागीय कर्मी तक उनसे खासा खफा थे। बोर्ड परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण को लेकर वह शिक्षकों से सीधे पंगा ले लिए थे। फिर परीक्षा के वक्त एमएएच इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल मुहम्मद खालिद से नाहक उलझ गए थे। उसको लेकर शिक्षक उनके खिलाफ पूरी तरह लामबंद हो गए थे। शिक्षकों ने परीक्षा बहिष्कार की धमकी तक दिए थे। किसी तरह डीएम ने हस्तक्षेप कर मामला खत्म कराया था। फिर मूल्यांकन शुरू होने पर शिक्षक उन्हें हटाने पर अड़ गए थे। तब डीएम को फिर हस्तक्षेप करना पड़ा था। इसी बीच जीजीआईसी की प्रिंसिपल मानविका सिंह को नाहक घर बैठने को मजबूर कर दिए थे। स्थानांतरण के बावजूद श्री दूबे अपने स्तर से उस आदेश को निरस्त कराने की कोशिश में जुटे रहे लेकिन आखिर में डीएम को उन्हें कार्यमुक्त करना ही पड़ा। श्री दूबे के जाने से शिक्षक और विभागीय कर्मी बेहद खुश हैं। वरिष्ठ शिक्षक नेता विनोद सिंह ने कहा कि डीआईओएस को अपने पद और शिक्षकों की गरिमा का रंच मात्र भी परवाह नहीं थी। वह शिक्षकों को बंधुआ मजदूर समझते थे। लिहाजा उनका यहां से बोरिया बिस्तर बंधना तय था। इस बात को लेकर शिक्षक पूरी तरह से एकजुट व संतुष्ट है।